नादौन। समाज और नैतिक मूल्यों को प्रज्वलित और प्रकाशित करने में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसी कारण से प्रत्येक समाज में गुरु का सर्वोत्तम स्थान है। आधुनिक युग में उत्तम शिक्षक बनाने हेतु सरकार के द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षणों की व्यवस्था की गई है। स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात शिक्षक …
नादौन। समाज और नैतिक मूल्यों को प्रज्वलित और प्रकाशित करने में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसी कारण से प्रत्येक समाज में गुरु का सर्वोत्तम स्थान है। आधुनिक युग में उत्तम शिक्षक बनाने हेतु सरकार के द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षणों की व्यवस्था की गई है। स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात शिक्षक बनने हेतु बीएड का प्रावधान किया गया है। जिसमें छात्राध्यापक व छात्राध्यापिकाएं अपने निजी कॉलेज में सैद्धांतिक शिक्षा प्राप्त करते हैं। इसके उपरांत प्रशिक्षु प्रायोगिक वातावरण में ढलने के लिए विविध विद्यालयों में जाकर प्रशिक्षु.शिक्षक के रूप में कार्य करते हैं।
विजय वल्लभ कालेज आफ एजुकेशन बेला नादौन की 10 प्रशिक्षु छात्राध्यापिकाओं साक्षी डोगरा, शिवानी, तनु, आकृति, किरण कुमारी, स्मृति शर्मा, सुजाता ठाकुर, आकांक्षा, शालिनी, अंकिता तथा तृशा कॉलेज ऑफ एजुकेशन की तीन प्रशिक्षु छात्राध्यापिकाओं श्रेया शर्मा, अनुष्का और सिया ने राजकीय उत्कृष्ट कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नादौन में चार महीने तक प्रशिक्षु अध्यापिकाओं के रूप में कार्य किया। जानकारी देते हुए संस्कृत अध्यापक नरेश मलोटिया ने बताया कि इन सभी प्रशिक्षु छात्राध्यापिकाओं ने विद्यालय की सभी कक्षाओं में गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी आदि विषयों को अत्यंत उत्कृष्ट व आधुनिक रीति से पढ़ाया तथा विद्यालय में होने वाली अन्य सभी प्रकार की गतिविधियों में भी उत्कृष्ट कार्य किया।