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आंगनवाड़ी मिड-डे मील वर्करों का सचिवालय के बाहर प्रदर्शन
शिमला: महापड़ाव के दूसरे दिन को सीटू के बैनर तले सैकड़ों आंगनबाडी और मिड-डे मील कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. रविवार को आंगनबाडी एवं मध्याह्न भोजन कर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला और उन्हें मांग पत्र सौंपा. इसके अलावा प्रतिनिधिमंडल ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल से भी मुलाकात की. उन्होंने आंगनबाडी सहायिकाओं की पदोन्नति के लिए 35 वर्ष की आयु सीमा के निर्णय को पूर्ण रूप से वापस लेने, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की प्री प्राइमरी में शत प्रतिशत नियुक्ति करने, इस नियुक्ति में 45 वर्ष की शर्त को समाप्त करने, सुपरवाइजरों के रिक्त पदों को भरने की मांग की।
बीएलई सुप्रीम कोर्ट सरकार के आदेशानुसार कर्नाटक व गुजरात की तर्ज पर ग्रेच्युटी सुविधा लागू करना, हरियाणा की तर्ज पर वेतन व वरिष्ठता लाभ देना, पंजाब की तर्ज पर मेडिकल सहित अन्य छुट्टियां देना, सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष करना। वर्ष, मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनवाड़ी केंद्रों का दर्जा देने के लिए उन्नयन। मोबाइल रिचार्ज व स्टेशनरी की सुविधा देने, चिकित्सा या बीमारी के दौरान वेतन कटौती पर रोक लगाने, पोषण ट्रैकर ऐप की समस्या दूर कर नये मोबाइल उपलब्ध कराने आदि मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया. वहीं, सचिवालय के बाहर महापड़ाव में वक्ताओं ने कहा कि मिड-डे मील वर्करों को पिछले दो माह से वेतन नहीं दिया गया है।