
शिमला। एक माह के शीतकालीन अवकाश के बाद शहर के कालेजों में सोमवार से रौनक लौटी। ठंड के चलते हालांकि पहले दिन कैंपस में कम संख्या में छात्र पहुंचे। यानी शहर के लगभग सभी कॉलेजों में 20 फीसदी छात्र-छात्राएं पहुंची। बर्फबारी और बारिश के चलते अभी भी ग्रामीण एरिया में अधिकतर रूट बाधित है। ऐसे …
शिमला। एक माह के शीतकालीन अवकाश के बाद शहर के कालेजों में सोमवार से रौनक लौटी। ठंड के चलते हालांकि पहले दिन कैंपस में कम संख्या में छात्र पहुंचे। यानी शहर के लगभग सभी कॉलेजों में 20 फीसदी छात्र-छात्राएं पहुंची। बर्फबारी और बारिश के चलते अभी भी ग्रामीण एरिया में अधिकतर रूट बाधित है। ऐसे में दूरदराज के एरिया में छात्र छुट्टी के चलते चले गए थे, वे अभी कालेज नहीं पहुंच पाए। हालांकि एक सप्ताह में कैंपस में छात्रों की संख्या बढऩे की उम्मीद है। शहर के एकमात्र कन्या महाविद्यालय में भी बाकी कालेजों के जैसा ही हाल रहा। कन्या महाविद्यालय में पहले दिन 100 से 120 छात्राएं ही कॉलेज पहुंची, जबकि पूरे महाविद्यालय में लगभग चार हजार छात्राएं पढ़ती है। अधिकतर छात्राएं बर्फबारी की वजह से अपने घरों में फंसी हुई है। वहीं, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस कालेज संजौली कालेज में पहले दिन 20 से 30 छात्र ही पहुंचे। प्रिंसीपल भारती भागरा ने बताया कि कालेज में छात्र-छात्राओं के लिए तमाम तरह के इंतजाम किए गए हैं, लेकिन पहले दिन कम संख्या में ही छात्र पहुंचे थे।
वहीं, आरकेएमवी कॉलेज के प्रिंसीपल डाक्टर गोपाल चौहान ने बताया कि कालेज में अब शेष बचा सिलेबस पूरा करवाएगा जाए, वहीं ताकि छात्र फाइनल एग्जाम की तैयारी समय से कर सके। पहले दिन छात्राओं की संख्या कम रही। ऑनलाइन कक्षाओं का भी ऑप्शन इस बार सर्दियों के चलते कालेज प्रशासन ने नई व्यवस्था भी की है। यदि छात्र रेगुलर कक्षाओं के लिए नहीं पहुंचते हैं तो उनके लिए ऑनलाइन कक्षाओं का भी ऑप्शन रहेगा। यानी छात्र घर बैठे भी पढ़ाई कर सकते हैं। वहीं, जिन छात्रों की कक्षाओं में उपस्थिति कम रही है उनके लिए अतिरिक्त कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। वहीं, हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अगले सप्ताह से विद्यार्थियों के लिए एनएसएस शिविर का आयोजन किया जाएगा। कालेजों में प्रोफेसरों के लिए बायोमीट्रिक और फेस स्कैनिंग से हाजिरी भी शुरू कर दी है। कालेज प्रशासन की ओर से ये निर्देश जारी कर दिए गए हैं। हर हाल में शिक्षकों को बायोमिट्रिक में हाजिरी लगानी होगी ताकि उसका रिकॉर्ड शिक्षा निदेशालय भेजा जा सकेे।
