कुल्लू पहुंचा किसानों का दल कृषि-बागबानी की सीख रहा बारीकियां
कुल्लू विश्व पटल में पर्यटन के लिए प्रसिद्ध पर्यटन नगरी मनाली की वादियों में राजस्थान के किसानों का दल पहुंचा। दल ने वादियों को निहारने के साथ यहां कृषि-बागबानी की जानकारी हासिल की। हिमाचल की वादियों को देखकर राजस्थान के किसान चहक उठे। राजस्थान के किसान इन दिनों हिमाचल के विजिट पर हैं। यहां पहुंचकर …
कुल्लू
विश्व पटल में पर्यटन के लिए प्रसिद्ध पर्यटन नगरी मनाली की वादियों में राजस्थान के किसानों का दल पहुंचा। दल ने वादियों को निहारने के साथ यहां कृषि-बागबानी की जानकारी हासिल की। हिमाचल की वादियों को देखकर राजस्थान के किसान चहक उठे। राजस्थान के किसान इन दिनों हिमाचल के विजिट पर हैं। यहां पहुंचकर कृषि की तकनीक को सीख रहे हैं। बता दें कि केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर मालपुरा जिला टोंक राजस्थान द्वारा भारत सरकार की विभिन्न उपयोजनाओं में 80 से ज्यादा चयनित राजस्थान राज्य के विभिन्न जिलों टोंक, बीकानेर, जयपुर, बाड़मेर, दौसा, डूंगरपुर एवं अन्य जिलों के किसानों यहां आए हैं। वहीं, दो समूह ने पांच टूरिस्ट बस से नौ से 11 फरवरी को हिमाचल प्रदेश की उन्नति खेती, ऑफ सीजन वेजिटेबल्स, बागान और उनके विभिन्न उत्पादों के निर्माण से आजीविका अर्जित को जाना। भ्रमण क्रहे। श्री तोमर ने राजस्थान के किसानों को हिमाचल प्रदेश के किसानों के विकास मॉडल समेकित खेती के साथ पर्यटन को रोजगार अवसर में बदलने के बारे मे प्ररेणा लेने का सुझाव दिया।
वहीं, क्षेत्र की पुरानी सांस्कृतिक विरासत, पहनावे, भाषा, पुरानी रहने के तरीके का विकास अपने क्षेत्र में भी करने का आग्रह किया। संस्थान के मीडिया प्रभारी डा. अमर सिंह मीना ने कहा कि किसानों का भ्रमण कार्यक्रम के दौरान अंगोरा खरगोश, भारत मेरिनो, गद्दी भेड़, याक, बकरी, गड़सा भेड़ केंद्र, देशी गाय, फल फ्रुट के बगान, ऑफ सीजन वेजिटेबल्स के साथ प्रदेश की मनाली ओर मनिकारन स्थान को भ्रमण कराया, जिससे को देखकर सभी किसान बहुत खुश एवं आनंदित हुए। किसानों ने सोलन, शिमला, गड़सा कटराईं, मनाली, मणिकर्ण आदि जगह भ्रमण किया। वहीं, इस दौरान यहां की खेती और पशुपालन से संबंधित जानकारी को हासिल किया।