
गगरेट। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में विधानसभा क्षेत्र गगरेट में शिरकत करने आए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस कार्यक्रम में 134 प्रार्थना-पत्र पंजीकृत किए गए। इसमें 118 मांग-पत्र और 16 शिकायतें आई थीं। शिकायतकर्ताओं को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री के दरबार में उठाई गई शिकायतों का त्वरित निवारण होगा । उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री …
गगरेट। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में विधानसभा क्षेत्र गगरेट में शिरकत करने आए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस कार्यक्रम में 134 प्रार्थना-पत्र पंजीकृत किए गए। इसमें 118 मांग-पत्र और 16 शिकायतें आई थीं। शिकायतकर्ताओं को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री के दरबार में उठाई गई शिकायतों का त्वरित निवारण होगा । उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने करीब 33 करोड़ की परियोजनाओं के किए शिलान्यास किए । ऐसे में सवाल यह है कि अगर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शिकायत-पत्र लेकर शिमला ही ले जाने हैं तो यह काम तो मुख्यमंत्री संकल्प सेवा के जरिए भी हो सकता है। भाजपा ने इसे लेकर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया है। शनिवार को भंजाल के बड़ा तालाब पर आयोजित सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में लोग इस आस के साथ आए थे कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के दरबार में सीधी बात उन तक पहुंचाने पर उन्हें उनकी समस्या का त्वरित समाधान मिलेगा। मुख्यमंत्री भी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे तो प्रार्थी भी मुख्यमंत्री को अपनी व्यथा सुनाने पहुंचे। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पहुंचने तक 134 प्रार्थना-पत्र भी पंजीकृत हो गए। इनमें 118 मांग-पत्र आए।
यानी 118 लोगों ने इस कार्यक्रम के माध्यम से अपनी मांगे उठाईं तो सोलह शिकायतकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी शिकायतें उठाईं। उन्हें उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री सीधे उनसे शिकायत सुनेंगे और सक्षम अधिकारियों को सीधी निर्देश देंगे। कार्यक्रम में सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों की बात तो सुनी गई। लोगों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके द्वारा राजस्व संबंधी कार्यों के लिए बरती गई संजीदगी से कैसे उनका सालों से रुका कार्य हो गया, लेकिन शिकायतकर्ताओं की शिकायत सुनने की ओर किसी का ध्यान नहीं गया। मुख्यमंत्री ने इतना जरूर कहा कि अपनी शिकायत के साथ अपना मोबाइल नंबर जरूर लिखें ताकि सचिवालय से आपके साथ संपर्क किया जा सके। उधर, प्रदेश भाजपा सचिव राजेश ठाकुर का कहना है कि कांग्रेस नेता पूर्व सरकार द्वारा चलाए गए जनमंच कार्यक्रम का तो मजाक उड़ाते थे, लेकिन अब स्वयं जनता की समस्याएं ही नहीं सुन पा रहे हैं। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम महज सरकार ने अपनी वाहवाही सुनने के लिए ही रखा है। यही वजह होगी कि लाभार्थियों की बात तो सुनी जाती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदश्ेा सरकार को सार्वजनिक करना चाहिए कि कितनी शिकायतों का हल हुआ।
