हरियाणा

मार्केट कमेटी द्वारा टैक्स की वार्षिक किस्त लेने का सब्जी आढ़तियों ने विरोध किया

19 Dec 2023 11:33 PM GMT
मार्केट कमेटी द्वारा टैक्स की वार्षिक किस्त लेने का सब्जी आढ़तियों ने विरोध किया
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फरीदाबाद: सब्जी आढ़तियों ने मार्केट कमेटी द्वारा टैक्स की वार्षिक किस्त लेने का विरोध किया. आढ़तियों ने इस संबंध में बाजार समिति कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए सचिव को ज्ञापन सौंपा. मार्केट कमेटी सरकार के आदेश पर सब्जी आढ़तियों से अब टैक्स की वसूली एक साल की एक किस्त में लेगी. जिसको लेकर स्थानीय …

फरीदाबाद: सब्जी आढ़तियों ने मार्केट कमेटी द्वारा टैक्स की वार्षिक किस्त लेने का विरोध किया. आढ़तियों ने इस संबंध में बाजार समिति कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए सचिव को ज्ञापन सौंपा.
मार्केट कमेटी सरकार के आदेश पर सब्जी आढ़तियों से अब टैक्स की वसूली एक साल की एक किस्त में लेगी. जिसको लेकर स्थानीय सब्जी आढ़तियों को तक का वार्षिक फीस जमा करने के निर्देश जारी कर दिए गए थे. के बाद से मार्केट कमेटी सब्जी आढ़तियों से वार्षिक फीस की वसूली करेगी. मार्केट कमेटी के इस फरमान से निराश सब्जी आढ़तियों ने को नये नियम का कड़ा विरोध किया. विरोध करते हुए मार्केट कमेटी कार्यालय में पहुंचे. जहां पर नये कानून का विरोध करते हुए अपना मांग पत्र कमेटी सचिव सुनीता शर्मा को सौंपा. वहीं सब्जी आढ़तियों द्वारा सौंपा गया ज्ञापन में मांग करते हुए पूरे साल एक मौसम न होने की बात कही है. आढ़तियों की मांग है कि पूरे साल में मौसम एक जैसा न होने पर उसकी आय एक जैसी नहीं होती है. बाजार समिति के सचिव सुनीता शर्मा ने कहा कि सरकार के आदेशों की पालना करते हुए के बाद से आढ़तियों से पूरे साल की अग्रीम फीस वसूली जाएगी. जमा न कराने वाले आढ़ती को नोटिस दिया जाएगा.

दो प्रकार से होगी फीस की वसूली

मार्केट कमेटी बाद से स्थानीय मंडी में बैठे सब्जी कारोबारियों से दो अलग-अलग नियम के तहत वार्षिक फीस की वसूली करेगी. सब्जी के होलसैल बिक्रेता से 70 हजार रुपये की वार्षिक फीस लेगी. जबकि सब्जी के कमिशन एजेंट से बनाएं गए बिक्री के आधार पर फीस वसूली की जाएगी. जिसकी शुरुआत एक साल में 20 हजार की सब्जी बेचने वाले से साढ़े बाहर हजार रुपये वार्षिक फीस के आधार पर ली जाएगी. 60 से 80 हजार की सब्जी विक्रेता से वार्षिक फीस एक लाख साढ़े हजार रुपये. एक लाख से एक लाख से सवा लाख वाले से एक लाख 40 हजार रुपये. 5 लाख या इससे अधिक रुपये का कारोबार करने वाले आढ़ती से 6 लाख 87 हजार रुपये वार्षिक फीस जमा करानी होगी.

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