स्कूलों में छात्रों में पुस्तक पढ़ने की रुचि उत्पन्न करने के लिए रीडिंग कॉर्नर चुने जाएंगे

रेवाड़ी: राजकीय विद्यालयों के छात्रों में पुस्तक पढ़ने की रुचि उत्पन्न करने के लिए रीडिंग कॉर्नर बनाए जाएंगे. यहां पर विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम के अलावा अन्य पुस्तकें जैसे देश के इतिहास पर आधारित, जानकारी प्रदान करने वाले उपन्यास और वर्तमान पर घटनाओं पर आधारित पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी. इन रीडिंग रहेंगे. इ समें रखी पुस्तकों से …
रेवाड़ी: राजकीय विद्यालयों के छात्रों में पुस्तक पढ़ने की रुचि उत्पन्न करने के लिए रीडिंग कॉर्नर बनाए जाएंगे. यहां पर विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम के अलावा अन्य पुस्तकें जैसे देश के इतिहास पर आधारित, जानकारी प्रदान करने वाले उपन्यास और वर्तमान पर घटनाओं पर आधारित पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी.
इन रीडिंग रहेंगे. इ समें रखी पुस्तकों से न सिर्फ विद्यार्थियों को ज्ञानवर्धन होगा, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी सहायता मिलेगी. यह योजना हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने बनाई है. उल्लेखनीय है कि मोबाइल और कंप्यूटर के इस युग में विद्यार्थियों की पढ़ने की क्षमता समाप्त हो गई है. विद्यार्थियों को मोबाइल और कंप्यूटर की बुरी आदत हो गई है. सरकार बच्चों में दोबारा पुस्तकें पढ़ने की क्षमता को दोबारा से विकसित करने का प्रयास कर रही है. इसके तहत रीडिंग कॉर्नर योजना को लागू किया गया है. इसके लिए कोई बजट निर्धारित किया गया है. विद्यालय प्रमुखों को सामाजिक संस्थाओं व अन्य लोगों के सहयोग से यह रीडिंग कॉर्नर विकसित करने होंगे.
- आशा दहिया, जिला शिक्षा अधिकारी
अध्यापकों को दी गईं जिम्मेदारियां: छात्रों में पुस्तकों के प्रति रुचि बढ़ाने की जिम्मेदारी अध्यापकों को सौंपी गई है. अध्यापकों को पुस्तकों को कक्षा एक से आठ और नौ से 12 के अनुसार विषय वस्तु के अनुसार लगाकर सभी विद्यार्थियों को परिचित कराएं, जिससे उनमें विभिन्न विषयों के प्रति रुचि उत्पन्न हो सके. इसके अलावा पुस्तक पढ़ने को रुचिकर बनाने के लिए गतिविधियां भी करानी होगी.
