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सरकार को इकोग्रीन का टेंडर रद्द करने के लिए भेजा प्रस्ताव

22 Jan 2024 12:44 AM GMT
सरकार को इकोग्रीन का टेंडर रद्द करने के लिए भेजा प्रस्ताव
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गुडगाँव: निगमायुक्त ने इकोग्रीन कंपनी के खिलाफ सख्त रूख अपनाया है. उन्होंने पद संभालते ही कंपनी का टेंडर रद्द कर काम नई एजेंसी को सौंपने की तैयार कर ली है. इसको लेकर नगर निगम ने अंतिम नोटिस देने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है. कंपनी के करार समाप्त होते ही इकोग्रीन का काम अन्य …

गुडगाँव: निगमायुक्त ने इकोग्रीन कंपनी के खिलाफ सख्त रूख अपनाया है. उन्होंने पद संभालते ही कंपनी का टेंडर रद्द कर काम नई एजेंसी को सौंपने की तैयार कर ली है. इसको लेकर नगर निगम ने अंतिम नोटिस देने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है.
कंपनी के करार समाप्त होते ही इकोग्रीन का काम अन्य एजेंसी को सौंपा जाएगा. इसके लिए एक निजी एजेंसी ने प्रस्ताव बनाकर निगम को सौंपा है. कंपनी ने कहा है कि वह तीन दिन में काम संभाल लेगी. निगम ने कंपनी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. उल्लेखनीय इकोग्रीन कंपनी को घरों से कचरा उठाने, कचरे का निस्तारण करने और कचरे से बिजली बनाने का प्लांट स्थापित करने का जिम्मा सौंपा गया था. बीते एक साल से निगम और इको ग्रीन कंपनी के बीच बिलों के भुगतान को लेकर खींचतान जारी है. कंपनी की तरफ से लगातार बरती जा रही लारवाही को लेकर निगम ने चार दिसंबर को करार खत्म करने के लिए पहला नोटिस दिया था. इसके जवाब में कंपनी ने कहा था कि यदि निगम उनके बकाया 70 करोड़ रुपयों का भुगतान कर देता है तो वह 620 करोड़ रुपये का निवेश करने को तैयार है.
निगमायुक्त डॉ. नरहरिसिंह बांगड़ कंपनी के इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने अब कंपनी के करार को रद्द करने का कड़ा फैसला लिया है. फिलहाल कंपनी निगम अफसरों को संतुष्ट करने के लिए काम में सुधार कर रही है.

अगस्त 20 में हुआ था करार नगर निगम गुरुग्राम-फरीदाबाद दोनों शहरा में घरों से कचरा उठाने, कचरे का निस्तारण करने और कचरे से बिजली बनाने का प्लांट स्थापित करने के लिए हरियाणा सरकार ने मैसर्स इकोग्रीन कंपनी के साथ 20 साल के लिए एक करार पर हस्ताक्षर किया था. अगस्त, 20 में इस करार पर मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हस्ताक्षर हुए थे. कंपनी को दो साल के अंदर कचरे से बिजली बनाने का प्लांट स्थापित करना था, लेकिन यह नहीं हो सका. वहीं, कंपनी द्वारा लगातार कार्यों में बरती जा रही लापरवाही से शहर की साफ-सफाई पर भी असर पड़ रहा है. ऐसे में निगमायुक्त ने कंपनी के साथ करार रद्द करने का फैसला लिया है.

● कंपनी को 20 में कचरे से बिजली लगाने का प्लांट लगाना था, जो आज तक नहीं लगा
● शहर में खुले में चल रहे सभी कूड़ा घरों को भूमिगत करना था, जो नहीं हुआ
● हर घर से कचरा उठाना था, कंपनी छह साल में 80 फीसदी घरों से कचरा उठा पाई
● गीला-सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित करना था. नहीं हो सका.
● गीले कचरे से खाद बनानी थी, सूखे कचरे को निस्तारित करना था, यह काम भी नहीं हुआ.
इकोग्रीन कंपनी का करार रद्द करने की प्रक्रिया जारी है. कंपनी की लगातार लापरवाही को लेकर यह निर्णय लिया गया है. नई कंपनी के साथ करार को लेकर भी हम काम कर रहे हैं.
- डॉ. नरहरिसिंह बांगड़, निगमायुक्त, नगर निगम, गुरुग्राम

इकोग्रीन कंपनी अपने कार्यों में लगातार सुधार कर रही है. जल्द ही कंपनी अपने करार के अनुसार सभी कार्यों को पूरा करेगी. कंपनी 620 करोड़ का निवेश करने को तैयार है.
-नागार्जुन सिंह रेड्डी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, इकोग्रीन कंपनी

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