गुडगाँव: अदालत में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरोपी का जमानतदार बनना दो युवकों को महंगा पड़ गया. कोर्ट में जमा आधार कार्ड फर्जी पाए जाने पर अदालत ने पुलिस को आरोपियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया. जमानत लेने आए दोनों आरोपियों के साथ जमानत देने आए दोनों युवकों को भी गिरफ्तार कर लिया …
गुडगाँव: अदालत में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आरोपी का जमानतदार बनना दो युवकों को महंगा पड़ गया. कोर्ट में जमा आधार कार्ड फर्जी पाए जाने पर अदालत ने पुलिस को आरोपियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया. जमानत लेने आए दोनों आरोपियों के साथ जमानत देने आए दोनों युवकों को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमआईसी) विवेक सिंह को धोखाधड़ी और जालसाजी मामले में सुमित शर्मा और नवरतन कलवारी द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. हरि सिंह जमानत के लिए आवेदन करने वाले सुमित शर्मा के लिए जमानतदार (जमानत आवेदन में गारंटर) के रूप में पेश हुए थे. इसके लिए आधार कार्ड जमा किया था. सरकार के यूआईडीएआई पोर्टल से सत्यापित होने के बाद पाया गया कि आधार कार्ड का नंबर गलत है. पूछताछ करने पर पता चला कि कोर्ट में बैठे संतोष नाम के एक व्यक्ति ने आधार कार्ड तैयार किया था. इसी तरह नवरतन कलवारी के जमानतदार के रूप में पेश हुए यशपाल सिंह द्वारा प्रस्तुत आधार कार्ड भी फर्जी पाया गया.
सेक्टर-109 की चिंटल पैराडाइसो सोसाइटी के असुरक्षित जी टावर निवासी मनोज सिंह ने बिल्डर पर धमकी देने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि उन्हें पत्र भेजकर फ्लैट खाली नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई. वह इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे.