चंडीगढ। हरियाणा में जमीन के एक-एक इंच का हिसाब-किताब अब सरकार के पास होगा। इसमें रिहायशी, खेती, बंजर, पंचायती, शामलात, सरकारी-प्राइवेट, प्लॉट, मकान-दुकान सहित सभी प्रकार की जमीन शामिल होगी। इतना ही नहीं, सरकार के पास हर गांव और शहर में सरकार संस्थानों व बोर्ड-निगमों की भी पूरी जमीन का रिकार्ड होगा। पूरे हरियाणा की …
चंडीगढ। हरियाणा में जमीन के एक-एक इंच का हिसाब-किताब अब सरकार के पास होगा। इसमें रिहायशी, खेती, बंजर, पंचायती, शामलात, सरकारी-प्राइवेट, प्लॉट, मकान-दुकान सहित सभी प्रकार की जमीन शामिल होगी। इतना ही नहीं, सरकार के पास हर गांव और शहर में सरकार संस्थानों व बोर्ड-निगमों की भी पूरी जमीन का रिकार्ड होगा। पूरे हरियाणा की जमीनों की सरकार सर्वे करवाएगी। इसके लिए ड्रोन मैपिंग होगी।
नये साल से इसकी कवायद तेज होगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से इस संदर्भ में अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। पिछले दिनों चंडीगढ़ स्थित आवास पर चुनिंदा पत्रकारों से विशेष बातचीत के दौरान सीएम ने इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी। इसका सबसे बड़ा फायदा सरकार को यह होगा कि विकास कार्यों में जमीन का संकट काफी हद तक खत्म हो जाएगा। किसी भी गांव में बड़े प्रोजेक्ट के लिए जमीन की जरूरत होगी तो सरकार को एक क्लिक पर इसका पता लग सकेगा।
इससे पहले सरकार मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल में भी थोड़ा बदलाव कर चुकी है। अभी तक केवल उन फसलों का ही ब्यौरा देना होता था, जिनकी पैदावार किसान कर रहे हैं। अब सरकार ने किसानों को उनकी पूरी जमीन का पंजीकरण करवाने को कहा है। इसके लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। फसलों के मुआवजे में होने वाले फर्जीवाड़े को भी इससे पकड़ा जा सकेगा। साथ ही, जमीनी विवाद और कोर्ट में चल रहे केस भी खत्म हो सकेंगे।
सरकार की ओर से ‘स्वामित्व योजना’ के तहत गांवों को लालडोरा मुक्त किया जा चुका है। इस प्रक्रिया के तहत सरकार को गांवों में बने मकानों व प्लॉटों को तो ब्यौरा मिल गया, लेकिन बाकी जमीन का रिकार्ड सरकार के पास नहीं है। अब चरणबद्ध तरीके से गांवों में सभी प्रकार की जमीनों का रिकार्ड तैयार होगा। इसे कंप्यूटरीकृत किया जाएगा ताकि एक क्लिक पर पूरी जानकारी हासिल हो सके।