शंकर मिष्ठान भंडार से लिया गया मूंग दाल का नमूना पाया गया फेल
पुन्हाना: अगर आप दूध-घी व पनीर से लेकर मिठाई के शौकीन हैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि जिले में इन खाद्य पदार्थों में जमकर मिलावट हो रही है। इसका खुलाशा करनाल लैब रिर्पोट की आधार पर हुआ है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी डा. रमेश चौहान द्वारा पिछले तीन माह में जिले से विभिन्न खाद्य पदार्थों के …
पुन्हाना: अगर आप दूध-घी व पनीर से लेकर मिठाई के शौकीन हैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि जिले में इन खाद्य पदार्थों में जमकर मिलावट हो रही है। इसका खुलाशा करनाल लैब रिर्पोट की आधार पर हुआ है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी डा. रमेश चौहान द्वारा पिछले तीन माह में जिले से विभिन्न खाद्य पदार्थों के 46 नमूने लेकर उन्हें जांच के लिए लैब भेजा था। जिसमें से 20 नमूने फेल (असुरक्षित) पाए गए हैं। जबकि अन्य कुछ मानकों पर खरे नहीं उतर पाए हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा अब मिलावटी पदार्थ बेचने वालों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए जल्द ही सीजेएम कोर्ट में मामला डाला जाएगा। विभाग की इस कार्रवाई से मिलावटखोरों में हडक़ंप मच गया है। वहीं कुछ हद तक मिलावट पर रोक भी लग पाई है। दीपावली के सीजन में जिले में हो रही मिलावट को लेकर प्रशासन को आगह भी किया था। जिसके बाद विभाग द्वारा कार्रवाई की गई है।
डा. रमेश चौहान ने बताया कि 2023 के अंत अक्टूबर से दिसंबर तक जिले से दूध, घी, दही, रसगुल्ला, मूंग दाल, आटा, सरसों का तेल व पनीर से लेकर मिठाईयों के नमूने लिए थे। आगामी कार्रवाई के लिए इनकी जांच लैब द्वारा कराई गई। जिसकी रिर्पोट आ गई है। रिर्पोट में मूंग दाल, चमचम, रसगुल्ला, देसी घी, चावल व पनीर आदि के 20 नमूने फेल पाए गए हैं। जिसको लेकर इन्हें बेचने वाले दुकानदारों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कोर्ट में मामला डाला जाएगा। खाद्य पदार्थों में मिलावट को पूरी गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई की जा रही है। पूरा प्रयास किया जा रहा है कि किसी प्रकार की कोई मिलावट ना होने दी जाए।
नामचीन दुकानों व फर्मों के नमूने हुए फेल :
जिले के एकमात्र नलहड़ मेडिकल कालेज में मरीजों व स्टाफ के लिए खाना बनाने वाली प्राइम फर्म की कैंटीन से आटा, चावल व मूगदाल के नमूने लिए गए थे। जिसमें चावल में कीड़े पाए गए व आटा भी खराब पाया गया। श्याम डेयरी तावडू का घी का नमूना फेल व दही सब स्टैंडर्ड पाया गया, गर्ग मिष्ठान भंडार तावडू का रसगुल्ला का नमूना फेल पाया गया। पुन्हाना के शंकर मिष्ठान भंडार का मूंग दाल का नमूना फेल पाया गया।
यहां यहां अधिक दूध से पनीर बनाने की डेयरी:
नूंह जिले के पुन्हाना, पिनगवां बाइखेडा, शेखपुर, मांडी खेडा, पुन्हाना, पिनगवां, नूंह के अलावा गुर्जर नगला में सबसे अधिक पाउडर से पनीर बनाया जाता है। यदि जल्द ही इन पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले समय में घातक बिमारियों से लड़ना मुश्किल जो जाएग।
गंदे पानी से इन बिमारियों को मिल रहा बढावा:
दूध की डेयरीयों से निकलने वाले गंदा पानी से ज्यादातर खाज व खुजली को बढावा मिलता है। जहां जहां पर डेयरियां स्थापित है। वहां वहां पर यदि सर्वे कराकर जांच की जाए तो बीमारियों का मुख्य कारण डेयरियां ही मिलेंगी। मच्छरों की संख्या में इजाफा हो रहा है। जिनसे डेंगू, मलेरिया के अलावा पेट की बिमारियां दिन प्रतिदिन बढने का अंदेशा बढता ही जा रही हैं।
लोगों की मांग:
क्षेत्र के लोगों का मानना है कि यहां पर ज्यादातर अब कैंसर की बीमारी फैल रही है। जिसका कारण दूध की डेयरियों का गंदा पानी भी हो सकता है। इस गंदे पानी की बदबू कई कई किलोमीटर तक लोगों को सताती है। वायु को प्रदूषित करने में डेयरीयों का पूरा सहयोग है। ऐसे में इनको गांवों से दूर और पूरे नियमों के हिसाब से स्थापित किया जाए तो बेहतर होगा।
नमूना फेल होने पर सजा का है प्रावधान :
खाद्य पदार्थ का नमूना फेल होने पर पांच वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। नमूना फेल होने पर सीजेएम कोर्ट में मामला चलता है। जबकि सब स्टैंडर्ड मनूनों का मामला एडीसी कोर्ट में चलता है। जहां पर लाखों रुपये तक जुर्माना का प्रावधान है। जिले में खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर अभियान चलाकर लगातार खबर प्रकाशित कर मुद्दे का उठाया था। जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया है और छापेमारी कर नमूने भी लिए गए।
जांच रिर्पोट आने के साथ ही आगामी कार्रवाई की जा रही है। सब स्टैंडर्ड नमूनों को एडीसी कोर्ट व फेल होने वाले नमूनों को सीजेएम कोर्ट में चलाया जाएगा। जिले में मिलावट को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।