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ऑटो यूनियन की आरटीए दफ्तर के बाहर प्रदर्शन की चेतावनी

16 Jan 2024 2:30 AM GMT
ऑटो यूनियन की आरटीए दफ्तर के बाहर प्रदर्शन की चेतावनी
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गुडगाँव: क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (टीआई) दफ्तर में नए ऑटो का पंजीकरण नहीं किया जा रहा है. इससे ऑटो चालकों के लिए परेशानी बढ़ गई है. सितंबर से दफ्तर में ऑटो के पंजीकरण रोक दिए गए. ऑटो चालकों का आरोप है कि विभाग में दलालों की गिरफ्तारी के बाद सुधार नहीं हो रहा है. दुघर्टना होने …

गुडगाँव: क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (टीआई) दफ्तर में नए ऑटो का पंजीकरण नहीं किया जा रहा है. इससे ऑटो चालकों के लिए परेशानी बढ़ गई है. सितंबर से दफ्तर में ऑटो के पंजीकरण रोक दिए गए.
ऑटो चालकों का आरोप है कि विभाग में दलालों की गिरफ्तारी के बाद सुधार नहीं हो रहा है. दुघर्टना होने पर ऑटो का इंश्योरेंस का पैसा नहीं मिलता है. वहीं ऑटो यूनियन ने आरटीए दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है. गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि सितंबर से नए ऑटो का परिवहन कार्यालय में रजिस्ट्रेशन क्यों बंद पड़ा है, इसकी जांच कराकर शुरू कराया जाएगा.
शहर में विभिन्न ऑटो कंपनियों के 80 से अधिक ऑटो के शोरूम हैं. हर महीने एक हजार से अधिक ऑटो बिकते हैं. ऑटो का पंजीकरण के लिए आरटीए दफ्तर में आवेदन जमा करा दिया जाता है. ऑटो अस्थाई नंबर लगाकर रोड पर चलना शुरू कर देते हैं. चालक शिवम ने कहा कि दो माह पहले ऑटो खरीदा था. लेकिन पंजीकरण नहीं होने से अस्थाई नंबर से ऑटो चलाते हैं. कोहरे के कारण पिछले सप्ताह ऑटो से दुघर्टना हो गई. इससे पूरा ऑटो क्षतिग्रस्त हो गया.

पकड़े गए थे तीन दलाल: सितंबर में सीएम फ्लाइंग की टीम ने परिवहन कार्यालय में छापेमारी कर तीन दलालों को पकड़ा था. इसमें वह ड्राइविंग लाइसेंस, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन, परमिट और एनओसी के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे थे. दलाल गौरव, सौभन और सुरेश के खिलाफ शिवाजी नगर थाने में मामला दर्ज है. एक फाइल के लिए वह 1500 रुपये तथा बाहर की फाइल के लिए 2900 रुपये लेते थे. आरोपियों के कब्जे से कई फाइलें और 40500 रुपये बरामद हुए थे.

सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा: आरटीए दफ्तर में पंजीकरण नहीं होने से ऑटो बिक्री रुक गई है. इसको लेकर ऑटो कंपनियों की परेशानी बढ़ गई है. पिछले तीन महीने से 20 फीसदी बिक्री हुई. ऑटो शोरूम संचालकों की माने तो इससे सरकार को राजस्व नुकसान हो रहा है. तीन हजार ऑटो का पंजीकरण फीस भी नहीं मिले है. करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान हो रहा है.

दस्तावेजों की जांच के बाद मांगते हैं बिजली बिल: आरटीए दफ्तर में सितंबर से दिसंबर तक तीन हजार नए ऑटो का पंजीकरण के ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा कराए गए हैं. इसके साथ लगाए दस्तावेजों को देखने के बाद बिजली बिल भी मांगे जाते हैं. किसी से स्थाई पहचान पत्र तो किसी से पुलिस का सत्यापन मांगा जाता है. जो देता है उसके ऑटो का पंजीकरण कर दिया जाता है. जो नहीं दे पाते हैं उनके ऑटो के पंजीकरण रोक दिए गए हैं.

अभी मांगे जाते हैं सुविधा शुल्क: ऑटो यूनियन के प्रधान योगेश शर्मा ने कहा कि आरटीए अधिकारी बाहर से आने वाले गरीबों को बेरोजगार करके यहां से भगाना चाहते हैं. ऑटो खरीदकर जीवन यापन कर रहे हैं, लेकिन नए ऑटो का पंजीकरण सितंबर से बंद कर दिया गया है. दफ्तरों में दलालों के पकड़े जाने के बाद भी पैसे मांगे जाते हैं. जो सुविधा शुल्क देता है, उसके ऑटो का पंजीकरण कर दिया है. कई ऐसे ऑटो है जो दूसरे प्रदेशों के रहने वाले हैं. उनके ऑटो के पंजीकरण कर दिया गया है.

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