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हरियाणा: रैगिंग करने पर संस्थान से निष्कासन के साथ हो सकती है सजा

Kajal Dubey
14 July 2022 4:40 PM GMT
हरियाणा: रैगिंग करने पर संस्थान से निष्कासन के साथ हो सकती है सजा
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यमुनानगर। रैगिंग सामाजिक, मानवीय ही नहीं बल्कि कानूनी रूप से भी गलत है। रैगिंग करने पर दोषी को सजा तक हो सकती है। रैगिंग के कई दुष्प्रभाव देखने को मिले है। इससे पीड़ित विद्यार्थी अवसाद, तनाव तक का शिकार हो जाता है। कई बार अत्यंत भयावह व शर्मनाक हरकत घटना से पीड़ित आत्महत्या तक कर लेता है।
यह बात डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य एवं लखनऊ डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. निखिल श्रीवास्तव ने कही। डॉ. निखिल डीएवी डेंटल कॉलेज में एंटी रैगिंग सेमिनार में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। यह सेमिनार विद्यार्थियों को रैगिंग न करने, न सहने व विरोध करने के प्रति जागरूक करने के लिए करवाया गया। वहीं कार्यक्रम में विद्यार्थियों को रैगिंग की रोकथाम के लिए बनाए कानून के बारे में भी जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डीएवी डेंटल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आईके पंडित ने की। डॉ. श्रीवास्तव ने कहा कि स्कूल, कॉलेज, संस्थान, हॉस्टल सहित अन्य किसी शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान में किसी विद्यार्थी को उसके रंग, रूप, पहनावे, जाति, भाषा, क्षेत्र, व्यक्तित्व इत्यादि पर टिप्पणी कर स्वाभिमान को ठेस पहुंचना या अजीबोगरीब नाम से पुकारना, उसका गलत प्रचार करना, उसकी क्षेत्रीयता, भाषा पर अपमानजनक शब्द बोलकर पुकारना और प्रचलित करना रैगिंग होता है। किसी भी विद्यार्थी की नस्ल, पारिवारिक अतीत, आर्थिक पृष्ठभूमि को लेकर लज्जित करना और उसका अपमान करना भी रैगिंग की श्रेणी में आता है।
उन्होंने कहा कि रैगिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट व यूजीसी बहुत सख्त है। इसके खिलाफ कई प्रकार की सजा का प्रावधान किया गया है। रैगिंग करने से न केवल विद्यार्थी अपना भविष्य खराब करते हैं, बल्कि अभिभावकों के सपने भी तोड़ देते हैं। सेमिनार में रैगिंग के खिलाफ पुस्तिका का विमोचन किया गया। वहीं विद्यार्थियों को जागरूक करने को लेकर शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई। कार्यक्रम का संचालन डॉ. डीके सोनी ने किया। इस दौरान अधिवक्ता अमरजीत सिंह, अधिवक्ता वैभव गुप्ता, देवेंद्र मेहता, रोशन लाल शर्मा, डॉ. नीरज गुगनानी, डॉ. सुनीला सोनी, डॉ. ऋषि बाली, सोम प्रकाश बख्शी, अधिवक्ता अमित बंसल, डॉ. मीनू शर्मा, सुरेश कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे।
कानून में सजा का प्रावधान
कार्यक्रम में डीएसपी रजत गुलिया ने बताया कि रैगिंग करने पर गंभीर धाराओं के तहत सजा का प्रावधान है। संविधान में इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने कहा कि अश्लील हरकतें, अश्लील गाने गाना, गंभीर आघात पहुंचाना, क्रूरता, कैद करना, धमकी देना, प्रतिष्ठा भंग करना, दुष्प्रचार करना सहित अन्य ऐसे कृत्य जिससे किसी को मानसिक व शारीरिक कष्ट पहुंचे अपराध की श्रेणी में आता है। इसमें कठोर दंड का प्रावधान है। ऐसे में सभी को इसकी जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए संस्थान में महिला प्रतिनिधित्व वाली कमेटी गठित करने का नियम में है।
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