गुजरात यूनिवर्सिटी में विवादित कंसल्टेंट एजेंसी का दबदबा अब भी बरकरार

गुजरात : कई बार छात्र नेताओं ने आरोप लगाया है कि चांसलर और कंसल्टेंट एजेंसी की मिलीभगत से गुजरात यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार हुआ है. इतना ही नहीं, कंसल्टेंट एजेंसी द्वारा कदाचार के कारण उन्हें ब्लैकलिस्ट करने की बात भी सिर्फ कागजों पर ही रह गयी है. क्योंकि आज की स्थिति में भी इस विवादित सलाहकार …
गुजरात : कई बार छात्र नेताओं ने आरोप लगाया है कि चांसलर और कंसल्टेंट एजेंसी की मिलीभगत से गुजरात यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार हुआ है. इतना ही नहीं, कंसल्टेंट एजेंसी द्वारा कदाचार के कारण उन्हें ब्लैकलिस्ट करने की बात भी सिर्फ कागजों पर ही रह गयी है. क्योंकि आज की स्थिति में भी इस विवादित सलाहकार का जलवा देखने को मिल रहा है. सूत्रों से पता चला है कि इस विवादित एजेंसी को नये चांसलर ने काम भी सौंप दिया है.
सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी को वर्ष-2015 में गुजरात यूनिवर्सिटी में नए निर्माण के लिए टेंडर जारी करने, टेंडर का सर्वे कर रेनोवेशन पर कितने रुपए खर्च होंगे, इसके लिए कमीशन बेस पर काम करने से रोका गया था। एक निर्माण में 85 करोड़ रुपये के काम के बदले 110 करोड़ रुपये का भुगतान किये जाने पर विवाद हुआ था.
इस प्रकार निविदा के समय निर्धारित लागत से अधिक राशि का भुगतान किया गया। इसका सिंडिकेट सदस्यों ने विरोध किया और सदस्यों ने स्पष्टीकरण मांगते हुए कंसल्टेंट कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की भी मांग की. लेकिन सूत्रों का कहना है कि अज्ञात कारणों के चलते अब कंसल्टेंट को दोबारा नियुक्त किया गया है।
