
मुंबई | भारतीय क्रिकेटर योगराज सिंह को अधिकतर लोग युवराज सिंह के पिता के रूप में जानते हैं, लेकिन उनकी अपनी भी एक दिलचस्प कहानी है। क्रिकेटर से एक्टर बने योगराज ने न केवल खेल जगत में अपना नाम बनाया, बल्कि पंजाबी सिनेमा में भी अलग पहचान बनाई। उनका सफर संघर्षों से भरा रहा है, और उन्होंने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर उन्होंने बंदूक क्यों उठाई थी? आइए जानते हैं उनकी कहानी।
क्रिकेट करियर: सपना जो पूरा न हो सका
योगराज सिंह का क्रिकेट करियर ज्यादा लंबा नहीं चला। उन्होंने 1980 में भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला, लेकिन चोटों के कारण उन्हें जल्द ही क्रिकेट छोड़ना पड़ा। हालांकि, उनकी पहचान एक बेहतरीन तेज गेंदबाज के रूप में बनी रही। क्रिकेट छोड़ने के बाद भी उनका खेल के प्रति जुनून कम नहीं हुआ और उन्होंने युवराज सिंह को क्रिकेट की दुनिया में स्थापित करने के लिए पूरी मेहनत की।
फिल्मों में बनाई पहचान
क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद योगराज सिंह ने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने कई पंजाबी फिल्मों में शानदार भूमिकाएं निभाईं। उनकी मजबूत आवाज और दमदार स्क्रीन प्रेजेंस ने उन्हें पंजाबी सिनेमा में खास जगह दिलाई। ‘भाग मिल्खा भाग’ जैसी सुपरहिट बॉलीवुड फिल्म में भी उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीता।
बंदूक उठाने की कहानी क्या है?
योगराज सिंह अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। कई बार वह अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। लेकिन एक बार उन्होंने अपनी फिल्म के लिए बंदूक उठा ली थी। पंजाबी फिल्मों में अक्सर वह दमदार और रफ-टफ किरदार निभाते हैं, जिनमें कई बार एक्शन सीक्वेंस भी शामिल होते हैं। एक फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें रियलिस्टिक एक्शन के लिए बंदूक चलानी पड़ी, जो उनके किरदार की जरूरत थी।
युवराज सिंह के मेंटर
योगराज सिंह अपने बेटे युवराज सिंह के सबसे बड़े मेंटर रहे हैं। उन्होंने युवराज को बचपन से क्रिकेटर बनाने की ठानी थी। उनकी सख्त ट्रेनिंग और अनुशासन के कारण ही युवराज भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बने और 2011 के वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया।
अब क्या कर रहे हैं योगराज?
फिलहाल योगराज सिंह पंजाबी फिल्मों और वेब सीरीज में एक्टिव हैं। वह सामाजिक मुद्दों पर भी खुलकर बोलते हैं और कभी-कभी विवादों में भी घिर जाते हैं। लेकिन उनकी क्रिकेट और एक्टिंग की जर्नी प्रेरणादायक रही है।
