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अभिनेता की परोपकारी गतिविधियों की सराहना की जो उनकी मृत्यु के बाद ही सामने आई।
कर्नाटक सरकार बच्चों के बीच परोपकारी गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए स्कूलों में दिवंगत कन्नड़ सुपरस्टार पुनीत राजकुमार की जीवन कहानी सिखाने पर विचार कर रही है।
इस संबंध में हजारों लोगों और संगठनों की मांग पर शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस संबंध में सरकार से चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा।
पुनीत ने राष्ट्रीय पुरस्कार जीता और बहुत कम उम्र में सुपरस्टार बन गए। उन्होंने बहुत सारी समाज सेवा भी की और अन्य हस्तियों के लिए एक मॉडल बन गए।
कई परोपकारी संगठनों और लोगों ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर सरकार से चौथी या पांचवीं कक्षा के छात्रों की पाठ्यपुस्तक में पुनीत के जीवन पर एक अध्याय शामिल करने का आग्रह किया था।
अभिनेता 26 अनाथालय, 19 गोशालाएं, 16 वृद्धाश्रम चला रहा था और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 4,800 से अधिक बच्चों का समर्थन करता था।
बेंगलुरु दक्षिण जिला भाजपा अध्यक्ष एन.आर. रमेश ने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर पुनीत के जीवन इतिहास को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की थी।
बीबीएमपी अधिकारियों ने मामले को नागेश के संज्ञान में लाया था, जिन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
दिल का दौरा पड़ने के बाद पुनीत का पिछले साल 29 अक्टूबर को निधन हो गया था। उनके परिवार में पत्नी अश्विनी पुनीत राजकुमार और दो बेटियां हैं। उनकी आखिरी फिल्म 'जेम्स' 17 मार्च को रिलीज हुई थी जिसे बॉक्स ऑफिस पर शानदार ओपनिंग मिली थी।
पूरी फिल्म बिरादरी और देश भर के लोगों ने दिवंगत अभिनेता की परोपकारी गतिविधियों की सराहना की जो उनकी मृत्यु के बाद ही सामने आई।
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