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किसी भी फिल्म के शूट का पहला दिन हो और वह नर्वस न हों, ऐसा हो नहीं सकता।
एक्टर मिथुन चक्रवर्ती ने जब 1976 में फिल्म 'मृग्या' से फिल्मों में कदम रखे और डेब्यू फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता, तभी उन्होंने साबित कर दिया था कि वह बहुत आगे जाएंगे। जहां सुपरहिट डेब्यू पाना हर एक्टर के बस की बात नहीं मानी जाती, वहीं मिथुन दा ने न सिर्फ सफल डेब्यू किया था बल्कि इसके लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड जीता था। हालांकि मिथुन चक्रवर्ती का फिल्मी सफर आसान नहीं रहा। उनकी राह में कई मुश्किलें आईं। ऐसा दौर भी आया जब मिथुन चक्रवर्ती ने सुसाइड करने का मन बना लिया था।
स्ट्रगल के दौर को याद कर यह बोले मिथुन चक्रवर्ती
80 और 90 के दशक में हीरोइनों और फिल्मी पर्दे के साथ-साथ लाखों लोगों के दिलों पर राज करने वाले Mithun Chakraborty ने निजी जिंदगी और करियर में खूब उतार-चढ़ावे दखे। अपने मुश्किल दौर को याद करते हुए मिथुन चक्रवर्ती ने कहा, 'मैं आमतौर पर इस बारे में बात नहीं करता है और फिर ऐसा कोई एक खास फेज नहीं है जिसके बारे में मैं बात करना चाहूं। स्ट्रगल के दिनों के बारे में बात न करें तो अच्छी बात है क्योंकि इससे वो नए एक्टर-एक्ट्रेस हतोत्साहित हो सकते हैं। हर कोई स्ट्रगल के दौर से गुजरता है, लेकिन मेरी स्ट्रगल बहुत ज्यादा थी।'
'मैंने सुसाइड का सोच लिया था, पर मैं लड़ा और हिम्मत नहीं हारी'
मिथुन चक्रवर्ती ने आगे कहा, ' कभी-कभी मुझे लगता था कि मैं अपने गोल्स अचीव नहीं कर पाऊंगा। मैंने सुसाइड करने के बारे में भी सोच लिया था। कुछ वजहों के कारण मैं कोलकाता नहीं लौट सका। लेकिन मेरी एक सलाह है कि कभी भी बिना लड़े अपनी जिंदगी खत्म करने के बारे में मत सोचना। मैं पैदाइशी फाइटर हूं। मुझे नहीं पता कि कैसे हारते हैं। अब देखो मैं कहां हूं।'
शूट पर आज भी नर्वस हो जाते हैं मिथुन चक्रवर्ती
मिथुन चक्रवर्ती की एक्टिंग को 'द ताशकंद फाइल्स' और 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्मों में खूब सराहा गया। उन्होंने बंगाली सिनेमा में भी खूब काम किया। अब मिथुन चक्रवर्ती 'प्रजापति' के जरिए बंगाली सिनेमा में वापसी कर रहे हैं। पांच दशक लंबे करियर में मिथुन चक्रवर्ती ने 370 से भी फिल्मों में काम किया। लेकिन आज भी वह शूट के दौरान नर्वस हो जाते हैं। मिथुन चक्रवर्ती ने यह बात खुद कबूली और कहा कि किसी भी फिल्म के शूट का पहला दिन हो और वह नर्वस न हों, ऐसा हो नहीं सकता।
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