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फाइल फोटो
जी हां, लाखों करोड़ों लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाले जॉनी लिवर (Johnny Lever) का बचपन बेहद तंगहाली में बीता था. कहते हैं कि जॉनी लिवर ने महज सातवीं क्लास तक पढ़ाई की थी जिसके बाद परिवार को सपोर्ट करने के लिए वो काम धंधे में लग गए थे. ख़बरों की मानें तो जॉनी लिवर जिनका असली नाम जॉन राव था उनके पिता प्रकाश राव हिन्दुस्तान लीवर में काम किया करते थे. प्रकाश राव को शराब पीने के बेहद बुरी लत थी जिसके चलते घर में पैसा भी नहीं बचता था. बताते हैं कि घर की खराब माली हालत और पिता की शराब की लत से परेशान जॉनी लिवर ने एक बार तो सुसाइड करने का भी मन बनाया था लेकिन बाद में इरादा बदल गया.
अपने संघर्ष के दिनों में जॉनी ने सड़कों पर पेन तक बेचे हैं. वो फेमस स्टार्स की मिमिक्री कर पेन बेचा करते थे. आपको बता दें कि कुछ समय बाद जॉनी को अपने पिता की ही कंपनी हिंदुस्तान लीवर में काम मिल गया था और एक दिन कंपनी में हुए फंक्शन में उन्होंने अपने बॉस और अन्य लोगों की जो मिमिक्री की उसके चलते उन्हें नया नाम मिला था 'जॉनी लिवर'.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जॉनी को फिल्मों में लाने का श्रेय सुनील दत्त साहब को जाता है. कहते हैं कि साल 1982 में रिलीज हुई फिल्म 'दर्द का रिश्ता' में सुनील दत्त साहब ने जॉनी लिवर को मौक़ा दिया था. जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे पलटकर नहीं देखा, जॉनी लिवर ने गोलमाल, हाउसफुल, बाज़ीगर, कोई मिल गया, फिर हेरा फेरी, बादशाह आदि फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है.
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