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उन्हें हंसते रहना था और ये करना उनके लिए मुश्किल ही नहीं बल्कि दुखदायी भी था.
कहते हैं हंसी सबसे बड़ी नेमत है...जो इंसान खुद हंसे और दूसरो को हंसाए वो खुदा के समान हो जाता है. लेकिन जरूरी है कि वो हंसी दिल से निकले. अर्चना पूरन सिंह (Archana Puran Singh) ऐसी ही शख्सियत हैं जो दिल से और दिल खोलकर हंसती हैं लेकिन जिंदगी में कुछ दौर ऐसे भी आते हैं जब हंसी किसी बोझ की तरह हो जाती है. लाफ्टर क्वीन अर्चना पूरन सिंह उसी बुरे दौर से गुजर चुकी हैं और लेकिन उस दर्द और दुख में होने के बाद भी उनके लिए हंसना जरूरी था और उस पल को वो सदमे की तरह देखती हैं.
जब 15 मिनट तक हंसती रही थीं अर्चना
ये उस वक्त की बात है जब अर्चना पूरन सिंह कॉमेडी सर्कस की जज थीं. उनकी सास उस वक्त अस्पताल में एडमिट थीं और उन्हें शो की शूटिंग के लिए सेट पर आना पड़ा. लेकिन आधे शो में उन्हें उनकी सास के निधन की खबर मिली. जब उन्होंने प्रोडक्शन को इस बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि आप अपनी हंसी और रिएक्शन रिकॉर्ड करवा दीजिए और चलीं जाइए. उस वक्त अर्चना पूरन सिंह को बिना बात हंसना था ताकि उन शॉट्स को रिकॉर्ड किया जा सके लेकिन जब घर में किसी का निधन हुआ हो तो हंसना मुश्किल हो जाता है लेकिन काम की खातिर अर्चना ने ये भी किया. उनके मुताबिक वो इस ट्रॉमा को कभी नहीं भूल पाएंगी.
बेटे का पैर फ्रैक्चर होने पर भी झेला सब
वहीं अर्चना ने ये भी बताया कि जब उनके बेटे का पैर फ्रैक्चर हुआ था तब भी वो ऐसे ही दौर से गुजरी थीं जहां एक मां होने के नाते वो बेटे को चोट लगने से परेशान थीं लेकिन फिर भी उन्हें हंसते रहना था और ये करना उनके लिए मुश्किल ही नहीं बल्कि दुखदायी भी था.
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