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नई दिल्ली। आस्ट्रेलिया की 19 साल पहले भारत में पिछली टेस्ट श्रृंखला में मिली जीत के एक अहम सदस्य माइकल कास्प्रोविच ने बीते प्रदर्शन को याद करते हुए कहा कि वह आस्ट्रेलियाई मीडिया में चल रही पिचों के बारे में लगातार चर्चा को समझ नहीं पा रहे हैं। भारत ने नागपुर में श्रृंखला के शुरूआती टेस्ट में पारी से जीत हासिल की जिससे आस्ट्रेलिया को मेजबानों को उनकी ही मांद में हराने के लिए कुछ जादुई प्रदर्शन करना होगा।
आस्ट्रेलिया ने 2004 में श्रृंखला 2-1 से जीत थी जिसमें कास्प्रोविच ने ग्लेन मैकग्रा और जेसन गिलेस्पी के साथ गेंदबाजी करते हुए नौ विकेट झटके थे। लेकिन वह आस्ट्रेलियाई मीडिया द्वारा पिचों के बारे में लगातार चर्चा को समझ नहीं पा रहे हैं। उन्हें लगता है कि भारत में पिचों की प्रकृति में जरा भी बदलाव नहीं हुआ है और दो दशक पहले अपनी रणनीति के कारण ही वे जीत दर्ज करने में सफल रहे थे।
वह यहां कमेंटेटेर के तौर पर आए हुए हैं, इस 51 वर्षीय पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ''ग्लेन मैकग्रा और जेसन गिलेस्पी निश्चित रूप से शानदार गेंदबाज थे। मैं भाग्यशाली रहा कि मुझे 1998 और 2001 में असफल श्रृंखलाओं में भारत में खेलने के अनुभव के कारण टीम में शामिल किया गया था। '' उन्होंने कहा, कि 'हम पिछले दौरों पर जिस तरह से गेंदबाजी किया करते थे, उसे बदल दिया है। हम काफी स्ट्रेट गेंदबाजी करते थे। हम बाउंसर का इस्तेमाल मैदान में क्षेत्ररक्षकों को रणनीति से सजाकर फेंकते थे। '
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