वॉचमैन ने थिएटर के गेट पर ही इस अभिनेत्री को दिया था रोक, जानें क्यों नहीं देख पाई थीं अपनी फिल्म
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | अपने सशक्त अभिनय से हिंदी सिनेमा पर खास छाप छोड़ने वालीं अभिनेत्री नूतन को किसी परिचय की जरूरत नहीं है। वुमन सेंट्रिक रोल वाली फिल्में उनकी पहचान बनीं और उन्होंने एक्ट्रेसेज के महज शोपीस के तौर पर इस्तेमाल होने की परंपरा को बदला। आज ही के दिन 1991 में नूतन कैंसर से जंग हार गई थीं। डेथ एनिवर्सरी के मौके पर हम आपको बताते हैं वो किस्सा जब अपनी ही फिल्म नूतन थिएटर में नहीं देख पाई थीं।
बॉलीवुड की खूबसूरत अभिनेत्री नूतन से जुड़े कई किस्से हैं, चाहें उनका लॉन्ड्री में कार का भूल जाना हो या फिर अमिताभ का उनके देखकर स्कूटर से गिरते गिरते संभल जाना। इन सबसे थोड़ा अलग एक किस्सा है, जब अपनी ही फिल्म के प्रीमियर में नूतन को थिएटर के वॉचमैन ने अंदर नहीं घुसने दिया था, जिसके चलते उनकी बहस भी हो गई थी।
दरअसल 1951 में फिल्म 'नगीना' रिलीज हुई थी, जिसमें काफी डरावने सीन भी थे, जिसके चलते यह फिल्म नाबालिगों के देखने की मनाही थी। नूतन की उम्र उस वक्त महज 15 साल थी और वे अपने अपने फैमिली फ्रेंड शम्मी कपूर के साथ फिल्म के प्रीमियर पर पहुंची थीं। थिएटर पहुंचने से पहले नूतन को लग रहा था कि वो फिल्म की हीरोइन हैं तो उनका जोरदार स्वागत होगा, लेकिन हुआ इसका उलटा। वॉचमैन ने थिएटर के गेट पर ही नूतन को रोक दिया। काफी बहस के बाद भी उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया।
बता दें कि नूतन का निधन 54 साल की उम्र में कैंसर की वजह से हुआ था। मां की मौत के बारे में मोहनीश बहल ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'वो बेहद बहादुर और आध्यात्मिक थीं। कैंसर जैसी बीमारी का उन्होंने बहादुरी से सामना किया। जब उन्हें कैंसर का पता चला तो वो मायूस नहीं हुईं, उन्होंने कैंसर से पहली जंग जीत भी ली थी। लेकिन उसके बाद कैंसर ने उनके लिवर पर आक्रमण किया। हमने जब दोबारा डॉक्टर से जांच कराई तब तक वो काफी फैल चुका था और वो बच ना पाईं।'
गौरतलब है कि नूतन ने कई फिल्मों में अपने हुनर से दर्शकों का दिल जीता था। नूतन ने देव आनंद, सुनील दत्त से लेकर राज कपूर तक के साथ काम किया था। नूतन की हिट लिस्ट में अनारी, सुजाता, पेइंग गेस्ट, सीमा, बंदिनी, सरस्वती चंद्र, मिलन और मैं तुलसी तेरे आंगन सहित कई अन्य फिल्में शामिल हैं।