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रामानंद सागर की 'Ramayan' में ये किरदार निभाना चाहते थे.....जानिए कैसे अरविंद त्रिवेदी को मिला रावण का किरदार

Bhumika Sahu
6 Oct 2021 3:46 AM GMT
रामानंद सागर की Ramayan में ये किरदार निभाना चाहते थे.....जानिए कैसे अरविंद त्रिवेदी को मिला रावण का किरदार
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Arvind Trivedi Died : रावण का किरदार निभाने के बाद टीवी इंडस्ट्री में उनकी एक अलग पहचान बन गई थी. इस भूमिका से वह इतने लोकप्रिय हुए कि घर-घर में बच्चे उनकी तरह एक्टिंग करने लगे थे. लंकेश हैं हम... कहने का उनका स्टाइल घर-घर में मशहूर है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जाने माने अभिनेता अरविंद त्रिवेदी (Arvind Trivedi) अब हमारे बीच नहीं रहे हैं. मंगलवार देर रात अरविंद त्रिवेदी ने मुंबई में आखिरी सांस ली. उनका 83 साल की उम्र में हार्ट अटैक के चलते निधन हुआ. अरविंद त्रिवेदी को ज्यादातर लोग उनके द्वारा रामानंद सागर (Ramanand Sagar) की 'रामायण' (Ramayan) में रावण (Ravan) का किरदार निभाने के लिए जानते हैं. अरविंद त्रिवेदी ने यह किरदार इतना शानदार निभाया था, जिसे देखकर हर कोई आज भी यही कहते है कि उनके अलावा ये किरदार कोई और नहीं निभा सकता था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अरविंद त्रिवेदी ने लंकेश की भूमिका के लिए ऑडिशन नहीं दिया था, बल्कि वह तो रामायण में कोई अन्य किरदार करना चाहते थे?

लंकेश के नाम से अपनी अलग पहचान बनाने वाले अरविंद त्रिवेदी के फैंस शायद ये बात नहीं जानते हैं कि अभिनेता रावण का किरदार नही निभाना चाहते थे और वह केवट की भूमिका के लिए ऑडिशन देने के लिए रामानंद सागर के पास पहुंचे थे. रामायण में केवट, जो एक नाविक होता है, वह भगवान राम, लक्षमण और सीता को वनवास के दौरान गंगा नदी पार कराने में मदद करता है.
जानिए कैसे अरविंद त्रिवेदी को मिला रावण का किरदार?
रावण की भूमिका न निभाने वाली बात का खुलासा एक बार अरविंद त्रिवेदी ने खुद अपने एक इंटरव्यू में किया था. उन्होंने बताया था कि वह केवट के किरदार के लिए ऑडिशन देने गए थे. जब वह केवट के लिए ऑडिशन देने गए, तब वह कुछ कदम चले ही थे कि रामानंद सागर ने कह दिया कि उन्हें अपने लंकेश यानी रावण मिल गया और तब किस्मत से उन्हें रामायण में रावण का ये आइकॉनिक रोल करने का मौका मिला.
रावण का किरदार निभाने के बाद टीवी इंडस्ट्री में उनकी एक अलग पहचान बन गई थी. इस भूमिका से वह इतने लोकप्रिय हुए कि घर-घर में बच्चे उनकी तरह एक्टिंग करने लगे थे. लंकेश हैं हम… कहने का उनका स्टाइल घर-घर में मशहूर है. उनका डायलॉग कहने का अंदाज आज भी लोगों के दिलों में बसता है. कहा जाता है कि अरविंद त्रिवेदी ने केवल एक यही रावण का किरदार अपने करियर में ऐसा निभाया, जो नेगेटिव था. इससे पहले उन्होंने गुजराती और हिंदी सिनेमा में करीब 250 फिल्में की, लेकिन इन सभी में वह बहुत ही सकारात्मक भूमिका में दिखे. गुजराती सिनेमा में अरविंद त्रिवेदी ज्यादा सक्रिय रहे थे.




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