देव आनंद को फ्लर्ट बताते शर्मा गईं वहीदा रहमान, बताया पहली मुलाकात का किस्सा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। झुक कर लहराते हुए चलना, मधुर मुस्कान से सामने वाले का दिल जीत लेना और गले में स्कार्फ लगाकर अपनी अदाओं से दीवाना बना देने वाले देव आनंद को बॉलीवुड का एवरग्रीन स्टार कहा गया है। उन्होंने खुद कहा था कि सिनेमा के लिए वो ताउम्र जवान रहेंगे। उनके साथ काम करने वाली अदाकाराएं भी उनकी सम्मान करती थीं लेकिन उनके इन अदाओं पर वो भी फिदा थीं।
ऐसी थी देव आनंद और वहीदा की पहली मुलाकात
हाल ही में अभिनेत्री-लेखिका ट्विंकल खन्ना से बातचीत के दौरान दिग्गज अभिनेत्री वहीदा रहमान ने देव आनंद को याद किया। उन्होंने बताया कि एक बार उन्होंने देव आनंद को डिसेंट फ्लर्ट बताया था। ट्विंकल खन्ना ने वहीदा रहमान से पूछा कि फिल्म में अपने शुरूआती दौर में कैसे देव आनंद उनको पसंद करते थे और कैसे उनका साथ देने के लिए वो निर्देशक राज खोसला के खिलाफ भी खड़े हो गए थे।
दिग्गज अदाकारा ने कहा कि, 'मैं देव आनंद साहब की बड़ी फैन थी और मेरी तो पहली फिल्म भी उनके ही साथ थी'। वहीदा से बात करते हुए ट्विंकल ने कहा कि जब मैं छोटी थी तो मैं गाइड फिल्म को देखकर उनकी दीवानी हो गई थी। साथ ही ट्विंकल ने पूछा कि गाइफ फिल्म में जो चार्म पर्दे पर देव आनंद ने दिखाया था क्या असल में भी वो ऐसे थे?
इस पर वहीदा रहमान ने देव आनंद की नकल उतारते हुए कहा कहा कि, 'जब हमारी पहली मुलाकात हुई थी तो उन्होंने मुझसे पूछा था, वहीदा कैसे हो, चलो ये करते हैं , चलो ना चलो ना! आगे उन्होंने कहा कि जब मैं पहली बार उनसे मिली तो मैंने कहा- नमस्ते देव साहब, और उन्होंने कहा था- देव साहब वो कैन है। इसके बाद उन्होंने मुझसे कहा था कि मुझे सिर्फ देव कहो'।
एक इंटरव्यू में देव आनंद को डिसेंट फ्लर्ट बताते हुए वो शर्मा गई थीं। ट्विंकल ने पूछा- उन्होंने कैसे फ्लर्टिंग की थी, क्या उन्होंने कहा था कि आप बहुत खूबसूरत हैं? इस पर वहीदा ने कहा कि, 'नहीं उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा था। जब हम गाइड को लेकर बात कर रहे थे तो चेतन आनंद और अंग्रेजी निर्देशक ने मुझे रिजेक्ट कर दिया था। उन्होंने कहा था कि मेरा चेहरा अच्छा नहीं है और अंग्रेजी अच्छी नहीं है। उस पर देव आनंद ने कहा था कि मुझे फर्क नहीं पड़ता मेरी रोजी वहीदा ही होगी'।
बता दें कि गाइड फिल्म 1965 में रिलीज हुई थी और जबरदस्त हिट हुई थी। बता दें कि देवानंद साहब कहा करते थे कि वो हमेशा मोहब्बत में रहते हैं। उन्होंने कहा था कि किसी से इश्क करने का मतलब ये नहीं है कि आप ढेर सारी औरतों के साथ रात गुजारें, किसी के ख्याल में रहना या किताब पड़ना भी इश्क है।