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विवेक रंजन ने सुनाई कविता, मतदाताओं से की अपील- ‘वोट डालने से पहले जरूर सुनें’

jantaserishta.com
5 Feb 2025 4:30 AM GMT
विवेक रंजन ने सुनाई कविता, मतदाताओं से की अपील- ‘वोट डालने से पहले जरूर सुनें’
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मुंबई: निर्माता-निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वह मतदाताओं को स्व-रचित कविता सुनाते नजर आए, जिसका शीर्षक "रोशनी" था। उन्होंने मतदाताओं से आग्रह किया कि वोट डालने से पहले उनकी कविता जरूर सुनें।
सोशल मीडिया पर एक्टिव विवेक रंजन ने इंस्टाग्राम पर वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, “वोट डालने से पहले ये कविता जरूर सुनिए!” किसी भी मुद्दे पर मुखरता के साथ अपनी बात रखने वाले विवेक रंजन ने इंस्टाग्राम पर खास कविता पेश की, जिसमें वह ‘रोशनार्थी’ शब्द का इस्तेमाल करते नजर आए। उन्होंने मतदाताओं से कहा कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव है। इसके साथ ही उन्होंने “रेवड़ियां बांटने” या “मुफ्त सुविधाओं” की ओर भी इशारा किया। अग्निहोत्री ने प्रदूषण का भी जिक्र किया।
विवेक रंजन अपनी कविता में ‘गोधूली बेला’, ‘रोशनार्थी’, सेठ जैसे शब्दों के साथ मतदाताओं के सामने अपनी 'रोशनी' कविता सुनाते नजर आए, “आजकल बहुत जल्दी ही गोधूली बेला में अंधेरा बढ़ने लगा है, धीरे-धीरे दिन का उजाला भी छटने लगा है, जहां थी थोड़ी रोशनी की उम्मीद, अब कोहरा बढ़ने लगा है। अब रोशनी सीधे नहीं आती। हर वक्त नहीं आती, ज्यादा देर नहीं आती। आती है तो एक ट्रेन के डब्बों से छरहराती रोशनी जैसी, जो पकड़ने में पकड़ नहीं आती। तुम चाहो या ना चाहो, रोशनी के अभाव को मानना ही पड़ेगा।"
अग्निहोत्री ने अपनी कविता में आगे बताया कि यह समय लाभ लेने वालों या 'रोशनार्थियों का युग' है। उन्होंने आगे कहा, "सेठों की जगमगाती शादियों को देखना ही पड़ेगा। तुम समझे नहीं या अंधे हो? तुम ईश्वर के नहीं सेठ जी के बंदे हो। यकीन नहीं तो देखो रोशनी का मीटर, जिसके लिए दिन-रात पसीना बहाते हो। रोशनी है नहीं मगर फिर भी दिन-रात बिल भरते जाते हो, इसीलिए तो मीडिल क्लास कहलाते हो। तुमने सुना नहीं, अब चुनाव में बिकेगी रोशनी, अब बनेंगे नए रोशनार्थी (लाभार्थी)। तुम्हारे घरों की रोशनी खुरच-खुरचकर दी जाएगी रोशनार्थियों को। जी हां, ये रोशनार्थियों का युग है।“ दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटों के लिए सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो चुकी है।
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