मनोरंजन

विशाल भारद्वाज ने कहा- रीमिक्स क्रिएटिविटी को करता है खराब, सिंगर्स को दी ये सलाह

Shiddhant Shriwas
28 Sep 2021 2:37 AM GMT
विशाल भारद्वाज ने कहा- रीमिक्स क्रिएटिविटी को करता है खराब, सिंगर्स को दी ये सलाह
x
बदलते समय के साथ सिनेमा का रूप पूरी तरह से बदल चुका है। जहां पहले संगीत में आरडी बर्मन, किशोर कुमार के गाने लोगों के कानों को सुकून देते थ

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बदलते समय के साथ सिनेमा का रूप पूरी तरह से बदल चुका है। जहां पहले संगीत में आरडी बर्मन, किशोर कुमार के गाने लोगों के कानों को सुकून देते थे तो वहीं आज के दौर में कई ऐसे पुराने सुपरहिट गाने हैं जिनका फिल्मों में रीमिक्स किया गया। कई गाने तो रीमिक्स के बाद भी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब हुए तो वहीं कुछ ऐसे गाने बने जिसके न तो दर्शकों को बोल समझ आए और ना ही पूरा गाना। 60-70 के दशक में हर संगीतकार जहां किसी चीज से प्रभावित होकर लिरिक्स लिखता था तो वहीं आज के दौर में कई ऐसे सिंगर्स हैं जिन पर धुन चुराने का आरोप लग चुका है।

विशाल भारद्वाज को नहीं पसंद रीमिक्स

विशाल भारद्वाज ने सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर के जन्मदिन पर उनका नया गाना रिलीज किया है। बता दें कि विशाल भारद्वाज फिल्म जगत के उन लोगों में से हैं जिन्हें उनकी बेहतरीन फिल्मों के साथ-साथ अद्भुत संगीत के लिए भी काफी सराहा जाता है। लता जी का जो गाना विशाल भारद्वाज रिलीज कर रहे हैं वो उन्होंने 22 साल पहले रिकॉर्ड किया था। लेकिन किन्ही कारणों की वजह से फिल्म न बन सकी।

रीमिक्स गानों को करता हूं नापसंद

विशाल भारद्वाज ने आज के रीमिक्स गानों पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि, 'आज का रीमिक्स का कल्चर मुझे बिलकुल पसंद नहीं है। मुझे लगता है किसी और के काम में इस तरह से पार्च करना किसी की क्रिएटिविटी को खराब करने वाली बात है वो नहीं करना चाहिए। अभी वो हाल में गाना आया था 'लैला ओ लैला' मेरे बेटे ने बोला अच्छा गाना है, मेरे बेटे को ये नहीं पता था कि ये किसी पुरानी फिल्म का गाना है। किसी गाने का ओरिजिनल सोर्स क्या है ये ही लोगों को नहीं पता है। मुझे लगता है वो किसी की क्रिएटिविटी को खराब करता है'।

60-70 का म्यूजिक था पसंद

विशाल ने बताया कि उन्हें कौन से दशक का म्यूजिक सबसे अधिक पसंद था। उन्होंने कहा, 'हर म्यूजिक अपने वक्त को दर्शाता है। हमारा म्यूजिक फिल्म म्यूजिक है मुझे लगता है मल्टीप्लेक्स आने के बाद एक फिल्म का जो कल्चर बना है, फिल्मों में जो वास्तविकता आनी शुरू हुई है तो म्यूजिक भी अलग हो गए हैं। मुझे 60-70 के दशक का म्यूजिक पसंदीदा था वो हमारा गोल्डन समय था। उस वक्त एक से एक बढ़कर दिग्गज संगीतकार थे। हम अपने दशक को नहीं पहचान पा रहे शायद आगे की जनरेशन उसे समझ पाए'।

लोगों को गुलजार साहब ने दी सलाह

गुलजार साहब ने बताया कि उनकी हर गाने के साथ यही कोशिश रहती है कि उनके गाने स्क्रिप्ट और किरदार से जुड़े हुए हो। उन्होंने कहा, 'मैं उस जुबान का ध्यान रखता हूं जो वो किरदार बोल रहे हैं। जिनको वो गाना गाना है ताकि वो उनसे मैच करें वो उससे अलग न लगे और उस धुन का ध्यान रखता हूं जो उन्हें गुनगुनाना है और वो धुन आती है म्यूजिक डायरेक्टर से। एक बात मैं 200- 250 साल से कह रहा हूं कि हमेशा धुन पहले बनती है बहुत ही कम ऐसा होता है अल्फाज पहले हो। उस दौर के कम्पोजर जुबान जानते थे इसलिए अगर उन्हें अल्फाज देते तो वो बहुत अच्छा बना लेते थे। आज के दौर में इस बात की कमी है आज जुबान इंग्लिश है और गाने हिंदी चाहते थे'।

नए गाने बनाएंगे विशाल भारद्वाज

विशाल भारद्वाज ने बताया कि वो इसके अलावा और भी गाने बनाने का प्लान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हमारी एक फिल्म थी लंदन उसमें एक गाना था तनहाई जोकि लता जी ने ही गाया था। उसके अलावा भी कई गाने हैं। मैं सनी देओल जी से मिलकर वो टेप मांगूंगा'।

Next Story