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विनीत कुमार सिंह ने रिलीज किया धोनी को डेडीकेटेड रैप सॉन्ग

Apurva Srivastav
17 May 2024 5:29 AM GMT
विनीत कुमार सिंह ने रिलीज किया धोनी को डेडीकेटेड रैप सॉन्ग
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मुंबई। कला की कोई सीमा नहीं होती है। विनीत कुमार सिंह अभिनेता के साथ-साथ अच्छे रैपर भी हैं। हाल ही में उन्होंने भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी पर लिखा अपना रैप सॉग 'धोनी है तो जीत होनी है...' रिकार्ड किया है। यह रैप सॉग उन्होंने कई साल पहले लिखा था। अब इसे रिकार्ड करने, गायकी और उनकी आगामी फिल्मों को लेकर विनीत से हुई बातचीत के कुछ अंश.....
आपने यह गीत कई मौकों पर गाया है। इतने वर्षों बाद इसे रिकार्ड करने का ख्याल कैसे आया?
मैं खुद सोच रहा हूं कि देरी क्यों हुई। अब इसलिए रिकार्ड कर लिया, क्योंकि हो सकता है कि यह धोनी का आखिरी आइपीएल मैच हो। मैं पहले एक फिल्म की शूटिंग के लिए लखनऊ में था, वहां से आया, तो छावा फिल्म की शूटिंग में व्यस्त हो गया, नहीं तो दो महीने पहले यह गाना आ गया होता। सांड की आंख फिल्म की शूटिंग के दौरान मैंने खेत में ऐसे ही इस गाने का वीडियो बना लिया था लेकिन उसका बहुत ज्यादा प्रमोशन नहीं किया था।
गोल्ड फिल्म के बाद सुपरमैन ऑफ मालेगांव में दोबारा रीमा कागती के साथ काम कर रहे हैं। जब निर्देशक रिपीट करते हैं, तो आत्मविश्वास और बढ़ता है?
मेरे करियर में यह बार- बार हुआ है। एक बैग लेकर इस शहर में आया था। फिल्म इंडस्ट्री में किसी को नहीं जानता था। अब जब लोग रिपीट करते हैं, तो लगता है कि बहुत लोग हैं, जो मुझे पसंद करते हैं। प्रयोग करने की हिम्मत आती है। फिर यही कोशिश होती है कि मैं कहीं से भी कम न पडूं, इसलिए तैयारी डबल करता हूं।
आप प्रमोशन से दूर क्यों रहते हैं?
अब अपना पीआर कर रहा हूं। करियर के शुरुआती 12 सालों में पीआर नहीं किया था लेकिन अब समझ आता है कि अगर पीआर न करो, तो कई बार अच्छा काम लोगों तक पहुंचने से चूक जाता है। पीआर आज की तारीख में जरूरी है। मैं खुद को अपग्रेड करने में यकीन करता हूं।
महेंद्र सिंह धोनी की किन बातों से आप प्रभावित हैं ?
महेंद्र सिंह धोनी एक स्टडी हैं। उनका सफर प्रेरणादायक है। मैं भी छोटे शहर से हूं, तो समझ सकता हूं। रांची के एक साधारण परिवार से निकलकर आना, इस धारणा को तोड़ना कि घर से कोई इस पेशे में नहीं है, तो बड़ा मौका कैसे मिलेगा, फिर भारतीय क्रिकेट टीम में चुना जाना, चौके-छक्के लगाकर पूरे देश को साबित करना बड़ी बात है । विपरीत परिस्थिति में भी वह अपना आपा नहीं खोते हैं। इसलिए मैंने गाने में लिखा है कि शांत चित्त हर परिस्थिति में जो खड़ा रहे... हर धरा पर अंगद के पांव सा अड़ा रहे | कितना भी दबाव हो, वह शांत रहते हैं।
आप दबाव की परिस्थिति में शांत रह पाते हैं?
मुझे लगता है कि आप शांत रहकर ही काम कर सकते हैं, उसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। मौके ही बड़ी मुश्किल से मिलते हैं, उस पर अगर अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं है, तो नुकसान सीधे आपका होगा। इतने वर्षों में जो मेहनत करके जगह बनाई है, वह हाथ से जाते वक्त नहीं लगता है। विपरीत परिस्थितियां आती ही हैं, उसमें कैसे खुद को संभालते हैं, वही आपको आगे लेकर जाता है। कई बार गलतियां होती हैं, अपनी गलती मान लेंगे, तो दूसरी बार वह गलती नहीं होगी। मैं आज भी मानसिक तौर पर इसका अभ्यास करता हूं कि जो हो गया है, होने दो, शूट है, तो मुझे अपना बेस्ट देना है।
लिखने की कला आप में कहां से आई है?
दो बड़े कारण हैं। बचपन से ही पढ़ने-लिखने की आदत रही है। बनारस से हूं, तो वहां की भाषा और संस्कृति का असर है। दूसरा मैंने आयुर्वेद की पढ़ाई की है। उसमें संस्कृत और हिंदी के कई शब्द हैं। यह साल दो साल की कोशिश से नहीं हुआ है। भाषा पर पकड़ हो, तो कलाकार के लिए किसी भी लाइन को इंप्रोवाइज करना आसान हो जाता है। बड़ी तैयारियां वैसे भी कैमरे के सामने नहीं, पीछे होती हैं।
आप यह रैप किसी गायक से भी गवा सकते थे....
रैप एक भावना है। उसके लिए अच्छी आवाज का होना जरूरी नहीं है। ईमानदारी से बात कहें, तो लोगों तक पहुंच जाती है। गायिकी में मैं बहुत अच्छा नहीं हूं लेकिन रैप मैं कर सकता इसीलिए इसे मैंने खुद गाया। रैप में जो अंदर भरा होता है, वह निकलता है । कोई विचार आ जाता है उसे लिखता हूं, तो वह गाने की शक्ल ले लेता है।
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