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क्या दहाड़ है! लंबे इंतजार के बाद, एक फिल्म जो वास्तव में आपको अपनी जगह पर कसकर बांधे रखती है
क्या दहाड़ है! लंबे इंतजार के बाद, एक फिल्म जो वास्तव में आपको अपनी जगह पर कसकर बांधे रखती है - 'शेरनी' (Sherni). फिल्म का ये टाइटल सचमुच लीड एक्ट्रेस विद्या बालन (Vidya Balan) का पर्याय है. 'न्यूटन' के निर्देशक अमित मसूरकर (Amit V. Masurkar) ने एक बार फिर स्क्रिप्ट से एक नई तरह की फिल्म को पेश करके खुद को साबित कर दिया है.
फिल्म : शेरनी
स्टार कास्ट : विद्या बालन, विजय राज, शरत सक्सेना, बृजेंद्र काला, नीरज काबी
रेटिंग : 3.5/5 stars
डायरेक्टर : अमित मसुरकर (Amit V. Masurkar)
अवधि : 2 Hrs 10 Min
कहां देखें : अमेजन प्राइम वीडियो
शेरनी देखने लायक क्यों है?
आस्था टिकू की पटकथा से लेकर सभी किरदारों के गरजने वाले प्रदर्शन तक - 'शेरनी' एक शानदार कहानी पेश करने का एक बड़ा उदाहरण है. यह मजबूती से दिखाती है कि कैसे लालफीताशाही का अस्तित्व, वर्कप्लेस पर सेक्सिस्ट कमेंट के साथ परस्पर जुड़ा हुआ है.
ये है कहानी
फिल्म की कहानी की बात करें तो यह मध्य प्रदेश के एक जंगली इलाके में नई डीएफओ (डिविजनल फॉरेस्ट अफसर) की कहानी है. जिसने हाल ही यहां जॉइन किया है. जहां गांव में एक बाघिन का खौफ फैला हुआ है. गांव वालों की लगातार जानें जा रही हैं. नई डीएफओ के पास चैलेंज है कि वह बाघिन को भी बचाए और गांव वालों को भी. इंसान बनाम जंगल की इस जद्दोजहद में वह DFO भी जूझती नजर आती है और 'मर्दों की दुनिया' वह एक शेरनी की तरह ही काम करके खुद को साबित करती है.
दमदार डारेक्शन
डायरेक्टर अमित मसुरकर ने इस फिल्म में खूबसूरत जंगल में एक जटिल कहानी को काफी कसकर बुना है. वह यहां प्रकृति के बीच इंसान बनाम जानवर की जंग को काफी गहराई से दिखा रहे हैं. आस्था टिक्कू ने स्क्रीनप्ले को बड़ी सावधानी से पूरे विस्तार में सामने रखा है. फिल्म में कहीं भी सवाल बाकी नहीं दिखते, कहीं भी डायरेक्शन की कमजोरियां सामने नहीं आतीं. एक बार फिर अमित ने बता दिया है कि 'न्यूटन' हो या 'शेरनी' जंगल के बीच इंसानी कहानी बुनना उन्हें बखूबी आता है.
Rani Sahu
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