जनता से रिश्ता वेबडेस्क | विवाद, बायकॉट और समर्थन ये तीनों फिल्म 'द केरल स्टोरी' के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के लिए काफी लकी साबित रहे हैं। कॉन्ट्रोवर्सी की वजह से फिल्म ने रिलीज से पहले ही खूब सुर्खियां बटोरीं। इसी का नतीजा रहा कि मूवी को रिलीज पर शानदार ओपनिंग मिली। साथ ही इसे देखने के लिए लोग अब भी सिनेमाघरों में पहुंच रहे हैं। पांच मई को रिलीज हुई यह फिल्म 15वें दिन भी जबर्दस्त कमाई कर रही है। इस मूवी के सभी किरदार भी लाइमलाइट में बने हुए हैं। इसी कड़ी में 'द केरल स्टोरी' में नकारात्मक किरदार निभाने वालीं एक्ट्रेस सोनिया बलानी ने चुप्पी तोड़ी है। साथ ही ऐसी भूमिका निभाने के बाद लोगों की ओर से मिल रहे रिएक्शन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा करती नजर आई हैं।
'द केरल स्टोरी' को लेकर मचे बवाल पर फिल्म में नकारात्मक किरदार निभाने वाली एक्ट्रेस सोनिया बलानी ने साफ किया है कि इसका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। सोनिया ने कहा, 'जब हमने फिल्म बनाई, तो यह विशुद्ध रूप से इसलिए था क्योंकि यह उन लड़कियों की सच्ची कहानी है।' एक्ट्रेस के अनुसार, 'सुदीप्तो सर सात साल से इस विषय पर शोध कर रहे हैं। उन्होंने हमें कुछ तस्वीरें और वीडियो दिखाए और मुझे तुरंत ऐसा करने का मन हुआ क्योंकि यह एक ऐसी दुखद कहानी है, और जब मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी तो इसने मुझे प्रभावित किया।'
सोनिया बलानी ने आगे जोड़ा, 'जब मैंने स्क्रिप्ट सुनी तो मैं स्तब्ध थी। जब मैंने इसे पढ़ा तो मुझे लगा कि यह उन लड़कियों की सच्ची कहानी है, और एक बड़े उद्देश्य के लिए है। यहां तक कि अगर एक लड़की का ब्रेनवॉश होने से भी बचा लिया जाता है, तो इससे मकसद पूरा होता है।'
सोनिया बलानी ने फिल्म को लेकर गहराए विवाद पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा, 'यह किसी भी समुदाय या धर्म के खिलाफ नहीं है। ऐसा कभी इरादा नहीं था। अगर लोग इसे सिर्फ एक सच्ची कहानी के रूप में देखते हैं कि उन लड़कियों के साथ क्या हुआ था, तो उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचेगी। किसी भी धर्म पर कोई टिप्पणी नहीं है, लेकिन केवल आईएसआईएस और आतंकवाद पर ही टिप्पणी की गई है।'
सोनिया बलानी ने नकारात्मक किरदार निभाने पर लोगों की ओर से मिल रही प्रतिक्रियाओं पर गौर फरमाते हुए कहा, 'मुझे अपमानजनक संदेश मिल रहे हैं क्योंकि मैंने फिल्म में सभी देवताओं के बारे में कई मजबूत पंक्तियां कही हैं। मुझे पता है कि एक तबका है जो खुश नहीं है, लेकिन अगर उन्हें पता चलता है कि यह एक सच्ची कहानी है और इसका मकसद केवल उन आतंकवादी समूहों के बारे में जागरूकता पैदा करना है, तो मुझे उम्मीद है कि वे इसके बारे में सकारात्मक महसूस कर सकते हैं। मैं ट्रोलिंग और बैन के बजाय सकारात्मक पक्ष पर ध्यान देने की कोशिश कर रही हूं। चाय बेचने वाले से लेकर हर विक्रेता तक, हर कोई फिल्म का बहुत समर्थन कर रहा है।'