Mumbai.मुंबई: वेब सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' को लेकर मचे बवाल के बीच सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड के साथ बैठक की। बैठक में नेटफ्लिक्स इंडिया के कंटेंट हेड ने केंद्र सरकार को भरोसा दिलाया कि प्लेटफॉर्म पर भारत के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कंटेंट अपलोड किया जाएगा। बैठक में अधिकारियों को बताया गया कि इस मामले में नेटफ्लिक्स की टीम उस कंटेंट का विस्तार से मूल्यांकन कर रही है, जिसका इस्तेमाल आईसी 814: द कंधार वेब सीरीज में किया गया है। केंद्रीय अधिकारियों और नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड की बैठक को लेकर सूत्र ने बताया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म ने सरकार को गारंटी दी है कि भविष्य में प्लेटफॉर्म पर आने वाला सारा कंटेंट संवेदनशील होगा और देश की भावनाओं को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। इसके अलावा कंटेंट रिव्यू का भरोसा भी दिया गया है। अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' में हाईजैक करने वालों के नाम को लेकर बवाल मचा हुआ है। इस बीच, सोमवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स की कंटेंट हेड मोनिका शेरगिल को समन जारी किया। इस मामले में सोशल मीडिया पर लोगों में ओटीटी प्लेटफॉर्म और सीरीज के निर्माताओं के खिलाफ काफी गुस्सा देखा जा रहा है। बैन नेटफ्लिक्स जैसे हैशटैग भी चलाए गए।
केंद्र सरकार ने क्या कहा? नेटफ्लिक्स के साथ बैठक में केंद्र सरकार ने कहा, "हम कंटेंट का समर्थन कर रहे हैं। हम कंटेंट और कंटेंट क्रिएटर्स को बढ़ावा दे रहे हैं, लेकिन तथ्यों से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।" सरकार का कहना है कि रचनात्मकता के नाम पर भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती। कहा गया है कि कोई भी कंटेंट रिलीज करने से पहले सही तरीके से रिसर्च की जानी चाहिए और तथ्यों की जांच की जानी चाहिए। क्या है पूरा विवाद? 29 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर 1999 के कंधार अपहरण कांड पर आधारित वेब सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' रिलीज हुई। 6 एपिसोड की इस सीरीज में कंधार अपहरण की पूरी कहानी दिखाई गई है। विमान को पांच लोगों ने हाईजैक किया था। सीरीज में उन अपहरणकर्ताओं के नाम बर्गर, डॉक्टर, भोला, शंकर और चीफ दिखाए गए हैं। हालांकि, ये उनके असली नाम नहीं थे, बल्कि अपहरण के दौरान बातचीत के लिए उन्होंने अपने कोड नाम रखे थे। आतंकवादियों के किरदारों को हिंदू देवताओं के नाम देने पर लोग भड़क गए। लोगों ने सोशल मीडिया पर इस सीरीज और नेटफ्लिक्स के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। लोगों ने इसे हिंदू आस्था पर हमला बताया। हालांकि, इस घटना पर पहली किताब लिखने वाले नीलेश मिश्रा ने सोशल मीडिया पर बताया कि आतंकियों ने अपने कोड नाम ये रखे थे। अपहरणकर्ताओं के असली नाम इब्राहिम अतहर, सनी अहमद काजी, जहूर इब्राहिम, शाहिद अख्तर और सैयद शाकिर थे।