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आज बंगाली सुपरस्टार दिवंगत अभिनेता सौमित्र चटर्जी का जन्मदिन हैं, जाने उनसे जुड़ी बातें

Bhumika Sahu
19 Jan 2022 3:09 AM GMT
आज बंगाली सुपरस्टार दिवंगत अभिनेता सौमित्र चटर्जी का जन्मदिन हैं, जाने उनसे जुड़ी बातें
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आज बंगाली सुपरस्टार दिवंगत अभिनेता सौमित्र चटर्जी (Soumitra Chatterjee) का जन्मदिन हैं. उन्होंने फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे की फिल्म अपूर संसार से साथ डेब्यू किया था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बंगाली सिनेमा के सुपरस्टार अभिनेता, डायरेक्टर लेखक सौमित्र चटर्जी (Soumitra Chattterjee) का आज जन्मदिन (Birthday) हैं. भले ही वो आज हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन उनके काम की खूबसूरत विरासत हमेशा हमारे साथ रहेगी. चटर्जी ने अपने करियर में एक से बढ़कर फिल्में की थी. उन्होंने अपने करियर में सबसे ज्यादा काम डायरेक्टर सत्यजीत रे (Satyajeet Ray) के साथ किया था. वो थिएटर आर्टिस्ट थे. सौमित्र चटर्जी ने 1959 में सत्यजीत रे की फिल्म 'अपूर संसार' से बंगाली फिल्मों में डेब्यू किया था. इसके बाद उन्होंने 'देवी', 'तीन कन्या', 'अभिजान', 'चारुलता', 'जॉय बाबा फेलूनाथ', 'सोनार केला' जैसी कई फिल्में हैं. उन्होंने अपने करियर में 14 फिल्में सत्यजीत रे के साथ की थी. सौमित्र चटर्जी बंगाली सिनेमा के सुपरस्टार थे लेकिन उन्होंने कभी भी अपने स्टारडम को अपनी जिंदगी में हावी नहीं होने दिया. वो एक आम इंसान की तरह अपने घर के लिए सामान लाते थे और अन्य काम करते थे. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि मैं फिल्मों में पैसा कमाने के लिए कभी नहीं आया था. मैंने फिल्में की तो पैसा कमाया.

रेडियो अनाउंसर के रूप में की थी पहली नौकरी
सौमित्र चटर्जी का जन्म 1935 में कोलकाता के सियासदह रेलव स्टेशन के पास मिर्जापुर स्ट्रीट में हुआ था. उनके पिता पेशे से वकील थे और शौकीय तौर पर अभिनेता के रूप में काम किया करते थे. सौमित्र शुरुआत से ही स्कूल के नाटकों में हिस्सा लिया करते थे और बाद में उनकी रुचि थिएटर में धीरे- धीरे बढ़ती गई. उन्होंने कोलकाता के सिटी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था. वे पढ़ाई के साथ थिएटर के प्ले में अभिनय किया करते थे. सौमित्र ने ऑल इंडिया रेडियो में अनाउंसर के रूप में पहली नौकरी की थी. इसके साथ ही फिल्मों में करियर बनाना शुरू कर दिया था.
सौमित्र को इस तरह मिली थी पहली फिल्म
दरअसल सौमित्र एक बार सत्यजीत की शूटिंग देखने के लिए गए थे. जब सत्यजीत की नजर पड़ी थी तो उन्होंने अपने मन ही मन अपनी अगली फिल्म 'अपूर संसार' के लिए साइन कर लिया था. लेकिन उन्हें ये बात नहीं बताई. सत्यजीत ने एक दिन सौमित्र का लोगों से परिचय सौमित्र चट्टोपाध्याय कहकर करवाया और बताया कि वो उनके अगले फिल्म के हीरो है. ये सुनकर खुद सैमित्र भी हैरान रह गए थे. इसके बाद सब इतिहास है. सत्यजीत रे फिल्मों के निर्देशन के अलावा उपन्यास भी लिखते थे. उन्होंने 'फेलूदा' नाम की मशहूर मिस्ट्री थ्रिलर उपन्यास लिखा था. उन्होंने इस उपन्यास पर फिल्म 'सोनार केला' बनाई थी. जिसका निर्देशन भी सत्यजीत ने किया था. 1979 में उन्होंने 'सोनार केला' का सीक्वल 'जॉय बाबा फेलूनाथ' का निर्देशन किया था. सौमित्र का फेलूनाथ का किरदार बंगाल के घर- घर में फेमस हो गया था. उन्होंने सत्यजीत रे के अलावा मृणाल सेन, रितुपर्णो घोष और तपन सिन्हा के साथ भी शानदार काम किया.
सिनेमा में अहम योगदान देने के लिए सौमित्र चटर्जी को पद्म भूषण, दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड और राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 2018 में उन्हें फ्रांस सरकार ने 'लीजन ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया था. ये फ्रांस का सबसे बड़ा नागरिकता सम्मान है. चटर्जी ने अपने करियर में करीब 100 फिल्मों में काम किया है, जिनमें दो हिंदी फिल्में 'निरुपमा' और 'हिंदुस्तानी सिपाही' भी शामिल हैं. उन्होंने 'स्त्री का पत्र' नाम की फिल्म भी डायरेक्ट की थी. सौमित्र चटर्जी को कविताएं लिखने का बहुत शौक था और पढ़कर सुनाते भी थे. लोग उनकी कविताएं सुनने के लिए टिकट खरीदते थे और हॉल में खचाखच भीड़ होती थी.


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