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फिल्म 'टीपू' का टीजर जारी हो गया है। टीजर के आते ही सोशल मीडिया पर विवाद भी शुरू हो गया है। दरअसल, यह फिल्म किंग ऑफ मैसूर टीपू सुल्तान पर आधारित है। यूं तो कई किताबों में टीपू सुल्तान की उपलब्धियों के बारे में बताया गया है। बच्चों को हिस्ट्री में पढ़ाया गया है कि कैसे टीपू सुल्तान ने ब्रिटिश शासन को उखाड़ने के लिए लड़ाई लड़ी। लेकिन, प्रोड्यूसर संदीप सिंह ने अपनी फिल्म में टीपू सुल्तान को हिंदू धर्म विरोधी बताया है। उन्होंने फिल्म के टीजर के जरिए यह दावा किया है कि टीपू सुल्तान ने अपने समय में 8000 हिंदू मंदिरों काे नष्ट कराया था। इतना ही नहीं, टीपू सुल्तान ने लाखों हिंदुओं का धर्म भी भ्रष्ट कराया।
वे सुल्तान कहलाने लायक भी नहीं - संदीप सिंह
मेकर्स ने फिल्म के टीजर में पहले टेक्स्ट के जरिए टीपू सुल्तान के हिंदू धर्म विरोधी होना का सबूत दिया। फिर फिल्म में टीपू सुल्तान का किरदार निभाने वाले एक्टर का कालिख से पुता विकृत चेहरा दिखाया। इतना ही नहीं, फिल्मकार संदीप सिंह ने टीजर लॉन्च के दौरान कहा, "ईमानदारी से कहूं तो टीपू सुल्तान, सुल्तान कहलाने के लायक भी नहीं है। हमारे इतिहास की पाठ्यपुस्तकों में दिखाया गया है कि टीपू सुल्तान एक बहादुर व्यक्ति था। लेकिन, कोई भी उसके द्वेषपूर्ण पक्ष को नहीं जानता। मैं भविष्य की पीढ़ी को उसका असली चेहरा दिखाना चाहता हूं।"
उनकी क्रूरताओं को छिपाया गया - लेखक
वहीं फिल्म के लेखक रजत सेठी ने कहा, 'टीपू सुल्तान एक ऐसी ऐतिहासिक हस्ती हैं जिनके बारे में बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया और उनकी क्रूरताओं को करीने से छिपाया दिया गया। न केवल इतिहास बल्कि लोकप्रिय संस्कृति, फिल्मों, थिएटरों आदि ने भी टीपू का संतुलित चित्रण दिया। लेकिन, हमारी ये फिल्म इस कहानी में सुधार लाने का प्रयास करेगी।'
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