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मुंबई : रामायण (Ramayan) दूरदर्शन का पहला माइथोलॉजिकल शो माना जाता है। निर्देशक रामानंद सागर ने जिस तरह से इस धारावाहिक को तैयार किया, उसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। रामायण में हर एक किरदार की कास्टिंग काफी बढ़े स्तर पर की गई थी। फिर चाहें वो भगवान राम, हनुमान जी और माता सीता का किरदार क्यों न हो।
ठीक उसी तरह से रावण की भूमिका लिए भी मेकर्स ने खास प्लानिंग की और लगभग 400 ऑडिशन के अरविंद त्रिवेदी के रूप में रामानंद को अपनी रामायण के लिए लंकेश की प्राप्ती हुई। आइए रामायण (Ramayan Ravan) में उनकी एंट्री को लेकर विस्तार से जानते हैं।
खास थी अरविंद त्रिवेदी की रामायण में कास्टिंग
दूरदर्शन की रामायण में अरुण गोविल जैसे अभिनेता को भगवान राम की भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। लेकिन जिस तरह से अरविंद त्रिवेदी ने लंकापति रावण का किरदार अदा किया, उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। आज बेशक अरविंद हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन रामायण के रावण के तौर पर उन्हें आज भी याद किया जाता है।
रामायण में उनकी कास्टिंग काफी रोचक रही थी, जिसका खुलासा उन्होंने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में किया था। मैंने गुजराती फिल्मों में काम किया था और रामानंद सागर ने वो फिल्में देखीं थी। जिसकी वजह से उनको मेरे अभिनय के बारे में जानकारी थी। गुजराती फिल्मों के कारण ही मुझे रामायण में काम मिला।
400 से ज्यादा लोग रावण के किरदार के लिए ऑडिशन देने आए थे। लेकिन राम जी की दया से मुझे ये रोल मिला। प्रभु का धन्यवाद है, जो मैं इस भूमिका के लिए चुना गया।
असल जिंदगी में सच्चे शिव भक्त थे अरविंद
बेशक छोटे पर्दे पर अरविंद त्रिवेदी ने रामायण के रावण के किरदार को अमर किया। लेकिन असल जिदंगी में वह सच्चे शिव भक्त थे। वह निरंतर भगवान शिव शंकर की पूजा अर्चना करते थे। एक शिव भक्त होकर रावण की भूमिका निभाकर अरविंद ने एक नई मिसाल कायम की थी। क्योंकि रावण भी सबसे बड़ा शिव भक्त माना जाता था।
अरविंद ने की 250 से ज्यादा फिल्में
सिर्फ रामायण टीवी सीरियल ही नहीं बल्कि फिल्मों में भी अरविंद ने अपने अभिनय की छाप छोड़ी थी। उन्होंने बताया था- मैंने अपने एक्टिंग करियर में करीब 250 से अधिक फिल्में की थीं, जिनमें ज्यादातर गुजराती मूवीज और प्रेम बंधन जैसी कई हिंदी फिल्में शामिल हैं।
सांसद भी रहे थे अरविंद
रामायण के बाद अरविंद त्रिवेदी पर रियल लाइफ में भी भगवान राम की कृपा बरसी। उन्होंने बताया कि रामायण के बाद मेरी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। गुजरात की सांबरकाठा लोकसभा सीट से मैंने चुनाव लड़ा और उसमें भारी बहुमत से जीत हासिल कर सांसद बना।
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Apurva Srivastav
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