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‘सन 84 जस्टिस’ को देख दर्शकों की आंखों में आए आंसू
निर्देशक संदीप कुमार राणा की द्विभाषी फिल्म 'सन 84 जस्टिस' (San 84 Justice) की विशेष स्क्रीनिंग दिल्ली (Delhi) में आयोजित की गई थी, जिसमें कई जाने-माने लोगों ने भाग लिया. इनमें अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा, पूर्व सेना प्रमुख जनरल जेजे सिंह, सीनियर एडवोकेट एचएस फूलका, जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह, रोमानिया की राजदूत डेनिएला सेजोनोव, मनिंदर सिंह, अकाली दल के बन्नी जॉली सिंह और जसविंदर सिंह जॉली शामिल थे. लोगों ने फिल्म की सराहना की और फिल्म खत्म होने के बाद सबकी आंखों में आंसू थे, इसे जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली.
84 के दंगे पर आधारित है ये फिल्म
फिल्म 1984 में पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की हत्या के बाद शोषित सिख परिवारों के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है. इस फिल्म के पोस्टर का अनावरण 2019 में प्रतिष्ठित कान फिल्म समारोह में किया गया था. फिल्म को अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया और अब यह देश के सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है.
निर्माता जितेश कुमार और मुजीब उल हान ने फिल्म के विकास पर अपना उत्साह साझा करते हुए कहा, 'हम बहुत उत्साहित हैं कि हमारी फिल्म आखिरकार सिनेमाघरों में भारतीय दर्शकों द्वारा देखी जाएगी. हमारे देश में कही जाने वाली कई महत्वपूर्ण कहानियां हैं और कुछ महान प्रतिभाएं हैं. हम दर्शकों से सन 84 जस्टिस के लिए मिलने वाली प्रतिक्रियाओं का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
हिंदी-पंजाबी भाषा में है फिल्म
सन 84 जस्टिस 78 मिनट लंबी हिंदी-पंजाबी फिल्म है जो ऐसे परिवार की कहानी बयां करती है जो कि अपना गुजारा करने के लिए चावल बेचता है. निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाला गुरफतेह सिंह अपने तीन बेटों, भाई और पत्नी के साथ रहता है. जहां सभी काम करते हैं और एक साथ रहते हैं. जबसे गुरफतेह सिंह अपने व्यापार से पर्याप्त आय कमाने में सक्षम नहीं है तो उसका पूरा परिवार अतिरिक्त आय कमाने के लिए छोटे-छोटे काम करता है. उसका एक दोस्त उसे चावल और गेहूं में छोटे-छोटे कंकड़-पत्थर मिलाने की सलाह देता है, लेकिन गुरफतेह एक ईमानदार आदमी है जो कि ऐसा करने से साफ मना कर देता है.
इसी बीच इंदिरा गांधी की सिख सिक्योरिटी फोर्स द्वारा हत्या कर दी जाती है. यह खबर सिख परिवारों के लिए खतरा बन जाती है क्योंकि सांप्रदायिक लोग इस घटना का फायदा उठाकर अराजकता पैदा कर देते हैं. इसकी वजह से शहर में हिंसा बढ़ जाती है और कई सिख परिवार यहां तक की बच्चों, महिलाओं को मार दिया जाता है. महिलाएं विधवा जाती हैं. यह घटना एक ऐसी ही युद्ध स्थिति में बदल जाती है जैसी स्वर्ण मंदिर में कई सिक्खों को नुकसान हुआ था, हजारों अपनी जान गंवा बैठे थे और बहुत सारे परिवार बर्बाद हो गए थे.
2 नवंबर 2021 को सिनेमाघरों में हो चुकी है रिलीज
फिल्म में गुरफतेह सिंह के रूप में विपिन शर्मा, जीत कौर के रूप में सुपर्णा मारवाह, अजीत सिंह के रूप में आशीष सहदेव, अंजन कुमार के रूप में जितेंद्र राय और जनार्दन के रूप में मनोज बख्शी ने अभिनय किया है. फिल्म को जितेश कुमार फिल्म्स और यूएफआई प्रोडक्शंस द्वारा निर्मित और अभिषेक वर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया है. सन 84 जस्टिस 2 नवंबर, 2021 को सिल्वर स्क्रीन पर रिलीज हो चुकी है.
दिलचस्प बात यह है कि सन 84 जस्टिस, रजनीकांत की अन्नात्थे, अक्षय कुमार की सूर्यवंशी और मार्वल के इटरनल्स से कुछ दिन पहले दिवाली सप्ताह में रिलीज हुई है. तो यह भारतीय दर्शकों के लिए मनोरंजन से भरपूर हफ्ता रहने वाला है.
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