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उनका ऐडरेस और उनका नाम निश्चित गूगल मैप हो था।
आलिया भट्ट और रणबीर कपूर इन दिनों खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। भई खुश हो भी क्यों न। ये साल दोनों के लिए बेहद खास जो है। पहला तो दोनों ने शादी की। दूसरा दोनों पैरेंट्स बनने वाले हैं और अब तीसरा ब्रह्मस्त्र की ताबड़तोड़ कमाई। बॉक्स ऑफिस पर छाये संकट के बादलों का ब्रह्मास्त्र ने सफाया कर दिया है। जबकि रिलीज से पहले 'ब्रह्मास्त्र पार्ट 1 शिवा' का बहिष्कार भी किया गया था तो एक्टर को ट्रोल भी। हाल में ही ब्रह्मास्त्र फिल्म के पीछे के लॉजिक को लेकर यूजर ने करण जौहर से सवाल किया, जिसे इग्नोर करने के बजाय करण जौहर ने जवाब देना ज्यादा सही समझा।
हुआ यूं कि ट्विटर पर एक यूजर ने ब्रह्मास्त्र (Brahmastra) के मेकर्स से सवाल किया कि आखिर आश्रम के पीछे का सीक्रेट और गूगल मैप पर आश्रम का एडरेस कैसे मिल गया। इस तरह के लॉजिक देकर ब्रह्मास्त्र ने 300 करोड़ भी कमा डाले हैं। यही है इंडियन क्रिएटिवटी?
इस सवाल को समझने से पहले आपको ब्रह्मास्त्र का वो सीन समझना पड़ेगा। एक सीक्वेंस है जहां आलिया भट्ट और रणबीर कपूर एक सीक्रेट आश्रम का रास्ता खोज रहे होते हैं। वहां ब्रह्मांश नाम की गुप्त सोसाइटी है। इस रास्ते की तलाश करने के लिए नागार्जुन उनकी मदद करते हैं। इस दौरान मैप्स का सहारा लेकर उस आश्रम की खोज की जाती है। इसी पर कुछ लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। अब इसका जवाब खुद करण जौहर (Karan Johar) ने दिया है।
करण जौहर ने मैप वाली बात को सही ठहराया
करण जौहर ने यूजर को जवाब देते हुए लिखा, वह गुरु भी दुनिया में दूसरे लोगों की तरह ही रहे हैं। किसी को नहीं पता ब्रह्मांश के नेता के बारे में कि उनका घर अस्त्रों का है। वह सामान्य लोगों की तरह रहे हैं और इसीलिए वास्तविक दुनिया में उनका ऐडरेस और उनका नाम निश्चित गूगल मैप हो था।
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