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लता मंगेशकर की सेहत में हुआ थोड़ा सुधार, लेकिन...

jantaserishta.com
25 Jan 2022 11:28 AM GMT
लता मंगेशकर की सेहत में हुआ थोड़ा सुधार, लेकिन...
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नई दिल्ली: लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) कई दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं. निमोनिया और कोविड के लक्षण पाए जाने के बाद से लता मंगेशकर आईसीयू में भर्ती हैं. सिंगर को लेकर हर दिन डॉक्टर्स और परिवार की तरफ से अपडेट आता रहता है. अब सिंगर की हेल्थ को लेकर नया अपडेड आया है. लता दीदी की सेहत में अब सुधार है. हालांकि वह अभी भी आईसीयू में ही रहेंगी. प्लीज उन्हें लेकर गलत अफवाहें ना फैलाएं और उनके जल्द स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करते रहें.

बता दें कि लता मंगेशकर को 8 जनवरी को मुंबई के ब्रीची कैंडी अस्पताल में भर्ती किया गया था. 92 साल की लता मंगेशकर तबसे लेकर अब तक आईसीयू में भर्ती हैं.
जब पहली बार "ऐ मेरे वतन के लोगों..." की मूलकॉपी सुनकर रो पड़ीं लता
बीटिंग रिट्रीट में इस बार बजने वाला गाने ऐ मेरे वतन के लोगों से कई किस्से भी जुड़े हुए हैं. लता मंगेशकर इस गाने को गाने से मना कर दिया था. तब आशा भोंसले के नाम पर विचार किया गया. किसी तरह से गीत लिखने वाले कवि प्रदीप ने लता को जब मनाया, तो गीत सुनने के बाद लता ने एक शर्त और रख दी.
सिगरेट डिब्बी के एल्यूमिनियम फॉयल पर लिखा गया गाना
ऐ मेरे वतन के लोगों गाने को लता मंगेशकर जितने फील से गाया है, वो अपने आप में बहुत खास है. कवि प्रदीप ने बाद में बताया कि जब वो माहीम बीच मुंबई पर टहल रहे थे, तब ये शब्द उनके दिमाग में आए. तब न उनके पास पेन थी और ना कागज. उन्होंने पास से गुजर रहे एक अजनबी से पेन मांगा. फिर सिगरेट डिब्बी के अल्यूमिनियम फॉयल पर इसे लिखा.
लता और संगीतकार के बीच विवाद हो गया
जब कवि प्रदीप ने गीत तैयार कर लिया और ये पक्का हो गया कि इसको लता मंगेशकर गाएंगी और संगीत सी रामचंद्र देंगे तभी संगीतकार और गायिका के बीच मतभेद हो गया. लता इससे निकल गईं. तब आशा भोंसले से इसको गाने के लिए कहा गया. लेकिन प्रदीप अड़ गए कि इसको लता ही गाएंगी, उन्हें लग रहा था कि आवाज में जो फील और न्याय लता दे सकती हैं, वो किसी और के वश की बात नहीं है. फिर प्रदीप ने लता को मना ही लिया.
गाना पहली बार सुनकर रो पड़ीं थीं लता
जब लता मंगेशकर ने इस गाने को कवि प्रदीप से गुना, तब कहा जाता है कि इसको सुनकर वो रो पड़ीं. तुरंत उन्होंने इसको गाने के लिए हां कर दिया-उन्होंने तब एक ही शर्त रखी कि जब इस गाने का रिहर्सल होगा तो प्रदीप को खुद मौजूद रहना होगा. प्रदीप मान गए. फिर जो कुछ हुआ, वो इतिहास बन गया.
लता-आशा को ड्यूट में गाना था लेकिन फिर विवाद हो गया
हालांकि गीत को सुनने के बाद लता ने ये सुझाव दिया कि इसको सोलो की बजाए ड्यूट में गाना चाहिए. उनके साथ आशा भी इसमें रहें. हालांकि प्रदीप चाहते थे कि लता इसको अकेले ही गाएं. गाने की रिहर्सल लता और आशा ने ड्यूट में ही की लेकिन जब दिल्ली जाने से थोड़ा पहले ही आशा ने इससे खुद को अलग कर लिया. लता ने उनको समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो नहीं मानीं.
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