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चौंका देगा इन 4 स्टार्स की मौत का सच, दर्दनाक हुआ था अंत

Manish Sahu
9 Sep 2023 1:29 PM GMT
मनोरंजन: सेलेब्स के साथ फैंस भले न रहते हो, लेकिन उनके साथ होने वाली होनी-अनहोनी से वो भी परेशान हो जाते हैं. स्टार परेशानी में हों, तो प्रार्थना और दुआओं का दौर शुरू हो जाता है. जिस स्टार को आपने पर्दे पर देखा और अचानक वो दुनिया से चला जाए, वो खबर उनके परिजनों को ही नहीं फैंस को भी परेशान करती है. चार मशहूर स्टार्स, जिन्होंने पर्दे पर अपनी अदाकारी के लिए खूब वाहवाही लूटी, लेकिन अचानक उनका दुनिया से जाना लोगों को रुला गया, कौन थे ये स्टार्स, जिनका दर्दनाक अंत आपको भी चौंका देगा.
चार मशहूर स्टार्स, जिन्हें देखकर कभी आप खुश हो जाया करते थे. कोई बॉलीवुड फिल्म का गुंडा बनकर पर्दे पर छा गया तो कोई हीरो के साथ नजर आया. लेकिन शायद आपको खबर ही नहीं होगी कि कैसे दर्दनाक हादसे में इन नामी सितारों की दर्दनाक मौत हो गई, जिसकी कहानी को सुनकर आपकी आंखे भी नम हो जाएंगी.
सबसे पहले शुरुआत करते हैं उस हीरो से जो बड़ी तेजी से हिंदी सिनेमा पर आया और आते ही छा गया. वो नाम था इन्द्र ठाकुर. वही इन्द्र ठाकुर जिन्हें 'नदिया के पार' में देखा गया था. हिंदी सिनेमा के पहले विलेन हीरालाल ठाकुर का सबसे छोटा बेटा इन्द्र साल 1950 को पैदा हुआ. वह शुरु से ही पढ़ाई में काफी तेज थे. पढ़ाई के साथ-साथ फैशन डिजाइनिंग का भी उन्हें काफी शौक था. फैशन डिजाइनिंग का कोर्स पूरा किया और ऐसा हुनर दिखाया की फैशन डिजाइनिंग में विदेश तक नाम हो गया.
इन्द्र ठाकुर जवान हुए तो खूबसूरत नौजवान दिखने लगे. कम उम्र में ही मॉडलिंग के ऑफर आने लगे. कुछ ही दिनों में उनका नाम देश के जाने-माने मॉडल में नाम शुमार हो गया. राजश्री प्रोडक्शन उन दोनों एक फिल्म बनाने जा रही थी और उस फिल्म के लिए उन्हें एक नए चेहरे की तलाश थी. इन्द्र ठाकुर पर मेकर्स की नजर पड़ी और उन्हें फिल्म के लिए सलेक्ट कर लिया गया. ये फिल्म थी साल 1982 में 'नदिया के पार'. इन्द्र ठाकुर के 'चंदन' बने सचिन के बड़े भाई ओमकार के लिए कास्ट कर लिया गया. फिल्म में उनका अभिनय देख सुभाष घई इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अगले ही साल यानी 1983 में 'हीरो' के लिए कास्ट कर लिया गया. इसके बाद जैसे इन्द्र के पास फिल्मों की लाइन लग गई. वो तेजी से उभरते जा रहे थे कि एक हादसे ने सबकुछ तबाह कर दिया.
साल 1985 की बात है. उन्होंने अमेरिका में हुई इंटरनेशनल फैशन डिजाइनिंग प्रतियोगिता को जीत ली थी, जिसका अवॉर्ड लेकर वह कनाडा घूमने निकल गए और फिर वहां से भारत लौट रहे थे. 23 जून 1985 का दिन फ्लाइट थी एयर इंडिया 182 जो लंदन-दिल्ली होते हुए बॉम्बे आने थी, लेकिन इस फ्लाइट में आतंकवादियों ने सूटकेस बम रख दिया, जो फट गया. इस हादसे में उनकी मौत हो गई. इस हादसे की खबर ने उनके चाहने वालों को चौंकाकर रख दिया था.
महावीर शाह, जो 80-90 के दौर में हर दूसरी फिल्म में नजर आते थे. किसी फिल्म में वो विलेन बने नजर आए तो किसी में विलेन के दोस्त. किसी में खूंखार डाकू तो किसी में खूंखार पुलिस. भूरी आंखों वाला वो गुंडा, जिसकी एक्टिंग इतनी शानदार कि देखने वाला नफरत से भर उठता था. लेकिन असल जीवन उतने ही शांत और गंभीर. गुजराती परिवार में जन्में महावीर बिजनेस नहीं शुरू से ही एक्टिंग का शौक रखते थे. स्कूल के जामने से ही उन्होंने गिजराती थिएटर्स ज्वाइन कर लिया था. बनना तो हीरो चाहते थे, लेकिन भूरी आंखों के कारण उनपर विलेन लुक ज्यादा सूट होता था. 1977 में 17 साल की उम्र में ही उन्हें पहले फिल्म मिल गई थी. फिल्म का नाम था 'अब क्या होगा'. रोल ड्राइवर का था. उनको पहचान 1982 में आई फिल्म 'गांधी' में उन्हें पुलिसवाले का किरदार मिला. इस फिल्म से उन्हें पहचान मिली और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा.
'तेजाब', 'पुलिस पॉब्लिक', 'तिरंगा' जैसी फिल्मों में काम किया. लेकिन कौन जानता था कि ऐसे बेमिसाल एक्टर की मौत दर्दनाक होगी. महावीर शाह को परिवार के साथ घूमने का बहुत शौक था. अमेरिका घूमने का प्लान बनाया. पत्नी, बच्चे और दोस्तों के साथ ट्रिप पर निकल गए. 31 अगस्त की बात है. वह सड़क मार्ग से शिकागो जा रहे थे. अचानक एक गाड़ी ने उनकी कार को पीछे से टक्कर मार दी. इस हादसे में वो बच गए थे. लेकिन उन्हें परिवार की चिंता हुई. गाड़ी से उतरकर पत्नी और बच्चों का हाल जान रहे थे कि अचानक एक दूसरी तेज रफ्तार गाड़ी ने उन्हें बेदर्दी से कुचल दिया. हासदा इतना भयानक था कि उसी वक्त उनकी मौत हो गई. 40 साल के फिल्मी विलेन की मौत ऐसी होगी किसी ने नहीं सोचा था.
दर्दनाक हादसे का शिकार हुआ तीसरे एक्टर तो महान एक्टर्स प्रेमनाथ और राजेंद्र का सबसे छोटा भाई नरेंद्र नाथ थे. भाई जहां हीरो बनने का ख्वाब लेकर इंडस्ट्री में आए थे, वहीं नरेंद्र खलनायक बनकर इंडस्ट्री पर छाए थे. मध्य प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले इन भाईयों कई फिल्मों में काम किया. नरेंद्र नाथ ने वैसे तो कई फिल्मों में काम किया, लेकिन जिस फिल्म ने उन्हें पहचान दिलाई वो फिल्म थी 'खोटे सिक्के'. जग्गू दादा के किरदार में उन्होंने अपनी वो पहचान बनाई कि फिर सालों तक पीछे मुड़कर नहीं देखा. 'काला सोना', 'हादसा', 'दीवानगी', 'हवेली', 'गेस्ट हाउस' जैसी कई फिल्मों में वह नजर आए. लेकिन जानता था कि उनका काम ही एक हादसा बन जाएगा.
1998 की बात है उनकी फिल्म महल रिलीज हुई थी. कई सालों से घर नहीं गए थे तो फिल्म रिलीज होने के बाद जबलपुर अपने घर पहुंचे. किसी काम के लिए घर से निकले कि अचानक उनका एक्सीडेंट हो गया. हादसा इतना भंयकर था कि उनकी हालत बहुत खराब हो गई. उनका खाना-पीना और चलना सब मुश्किल हो गया. इस हादसे की चोट और कमजोरी से तड़पते हुए उनकी मौत हो गई.
आपने अमिताभ बच्चन की फिल्म सूर्यवंशम को जरूर देखी होगी. इस फिल्म की एक्ट्रेस थीं सौंदर्या. कर्नाटक में पैदा हुईं MBBS की पढ़ाई कर रही थीं. उनके पिता का फिल्मी कनेक्शन था. उनके पिता केएस सत्यनारायण कन्नड़ फिल्मों के लेखक और एक्टर थे इसलिए बचपन से वह इस माहौल को जानती थीं. पिता के कहने पर वह डॉक्टर बनने जा रही थीं कि एक दिन पिता के दोस्त ने घर आकर उनकी किस्मत पलट दी. वो फिल्म बना रहे थे 'गंदर्भ' जिसमें उन्होंने सौंदर्या को हीरोइन बना दिया. फिल्म आते ही सुपरहिट हो गई. पहली ही फिल्म ने उन्हें स्टार बना दिया. साउथ में तहलका करने वालीं सौंदर्या बॉलीवुड भी आ गईं. साउथ के एक बड़े डायरेक्टर फिल्म अमिताभ के साथ फिल्म बना रहे थे. उन्होंने इस फिल्म में उन्हें भी लीड रोल के लिए कास्ट कर लिया. 1999 में फिल्म आई सूर्यवंशम. साल 2003 में उन्होंने शादी कर ली.
साल 2003 में अपने करियर की ऊंचाई के दौरान ही उन्होंने बचपन के दोस्त जीएस रघु से शादी रचा ली. लेकिन बेहद दर्दनाक हवाई हादसे में महज 31 साल की उम्र ने दुनिया को अलविदा कर दिया. दरअसल साल 2004 में एक पॉलिटिकल रैली में हिस्सा लेने जा रही सौंदर्या का हेलिकॉप्टर उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही क्रैश हो गया था. इस हादसे में सौंदर्या उनके भाई और दो अन्य लोगों की जान गई थी. इस हादसे के वक्त सौंदर्या प्रेग्नेंट भी थीं. कहा जाता है कि जब सौंदर्या का जन्म हुआ था तभी एक ज्योतिषी ने उनकी छोटी उम्र में ही ऐसी मौत की भविष्यवाणी की थी. इसे लेकर उनके माता पिता ने हवन पूजन और कई दूसरे उपाय भी किए. लेकिन जो हुआ वो दर्दनाक सच टाला नहीं जा सका.
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