जनता से रिश्ता वेबडेस्क | द केरल स्टोरी रिलीज के पहले से विवादों का शिकार हो रही है। फिल्म में 32000 हिंदू लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन और आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल कराने के दावे के कारण खूब बवाल मचा। यहां तक कि कुछ राज्य सरकारों ने फिल्म की स्क्रीनिंग भी रोक दी।
हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों द्वारा द केरल स्टोरी पर लगे बैन को हटाने का आदेश दिया और इसकी स्क्रीनिंग का ऑर्डर भी दिया, लेकिन पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में फिल्म को फिर भी नहीं चलने दिया गया। इस मुद्दे पर अब द केरल स्टोरी के प्रोड्यूसर विपुल शाह ने चुप्पी तोड़ी है।
विपुल शाह ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि 'कानून के तहत हम जो कुछ भी कर सकते थे, हमने किया। इस देश में सुप्रीम कोर्ट से ऊपर कुछ भी नहीं है। अब, हम SC से अनुरोध करेंगे कि वह इन सरकारों के खिलाफ खुद कार्रवाई करे और यह सुनिश्चित करे कि इतनी कड़ी सजा दी जाए कि भविष्य में कोई ऐसा न करे। सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटा लिया है। इसके अलावा हम सड़कों पर नहीं जा सकते और इन पार्टियों के गुंडों से नहीं लड़ सकते'।
आगे सुप्रीम कोर्ट द्वारा बैन हटाने के बाद भी पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में द केरल स्टोरी को ना दिखाए जाने पर विपुल शाह ने कहा, 'पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु की सरकारों ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की पूरी तरह अवहेलना की है। थिएटर मालिकों को अब फिल्में ना दिखाने की धमकी दी जा रही है'।