कोरोना महामारी के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में सेवाएं दे रहे डॉक्टरों को कॉमेडियन सुनील पाल द्वारा शैतान कहे जाने का मामला तूल पकड़ गया है। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कोरोना की रोकथाम और मरीजों के इलाज के लिए काम कर रहे डॉक्टरों के खिलाफ मनोरंजन चैनल पर आपत्तिजनक और अशोभनीय टिप्पणियों के लिए कॉमेडियन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
करीब तीन मिनट के इस वीडियो में, सुनील पाल को कथित तौर पर डॉक्टरों पर उनकी COVID-19 इलाज प्रक्रियाओं में पारदर्शी नहीं होने और लोगों को भागने का आरोप लगाते हुए सुना जा सकता है। यहां तक कि उन्होंने डॉक्टरों को "शैतान" तक कह दिया और सरकार से उन वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आग्रह किया जहां कोरोना वायरस रोगियों को रखा जाता है। वहीं, डॉक्टरों की एसोसिएशन ने सुनील पाल की टिप्पणियों को कोरा झूठ करार देते हुए कहा कि इस समय उनकी इन टिप्पणियों का बेहद खतरनाक असर होगा। इससे रोगियों का स्वास्थ्य प्रणाली में विश्वास भी कम हो सकता है।
एम्स आरडीए ने पत्र में लिखा कि फ्रंटलाइन के स्वास्थ्य कर्मी और अन्य देशवासी कोविड-19 के प्रकोप का सामना कर रहे हैं और हर कोई हाल में इस महामारी के प्रसार से हुए नुकसान की भरपाई के लिए अपनी ओर से सभी प्रयास कर रहा है। आरडीए ने कहा के कॉमेडियन सुनील पाल द्वारा हाल ही में एक मनोरंजन चैनल पर की गई टिप्पणियों ने उन सभी डॉक्टरों को आहत किया है, जो निस्वार्थ रूप से इस जंग में शामिल हैं। साथ ही इससे निश्चित रूप से उनके मनोबल पर प्रभाव पड़ेगा।
महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में डॉक्टरों को "सैनिकों" की भूमिका में बताते हुए आरडीए ने कहा कि उन्हें सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि हमें भरोसा हो कि हमारा देश हमारे साथ है क्योंकि हम इस COVID-19 युद्ध में शामिल हैं। सरकार यह सुनिश्चित करे कि इस तरह की उत्तेजक और गलत सूचनाओं को प्रचारित करने वाले वीडियो को बंद किया जाना चाहिए।
आरडीए के पत्र में कहा गया है कि मेडिकल बिरादरी और सभी स्वास्थ्य सेवा में शामिल फ्रंटलाइन वर्कर्स की ओर से हम दृढ़ता से मांग करते हैं कि डॉक्टरों और उनके परिवार के लोगों में अशांति को रोकने के लिए जल्द से जल्द उनके अनुचित आचरण के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।