कई फिल्म स्टार्स की कहानी दुनिया के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं होती। ऐसी ही एक कहानी भारत के टिहरी जिले के केमरया सौड़ के रहने वाले देव रतूड़ी की भी है। देव यहां से चीन गए तो थे एक वेटर की नौकरी करने के लिए, लेकिन आज वो वहां कि दिग्गज स्टार्स में गिने जाते हैं। जी हां, उत्तराखंड के टिहरी के रहने वाले देव रतूड़ी ने भारत नहीं बल्कि चीन की फिल्म इंडस्ट्री में अपनी हुनर का डंका पीटा है।
46 साल के देव रतूड़ी मशहूर दिवंगत एक्टर और मार्शल स्टार ब्रूस ली के बहुत बड़े फैन हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने दिल्ली जाकर मार्शल आर्ट सीखा फिर कुछ समय बाद वो एक्टर बनने का सपना लिए मुंबई रवाना हुए, लेकिन उन्हें हर ऑडिशन के बाद निराशा ही हाथ लगी। बताया जाता है कि उनके काम को देखकर उन्हें कई फिल्मों और वेब सीरीज के ऑफर मिल रहे हैं। देव ने ये कभी नहीं सोचा था कि उन्हें चीनी फिल्मी इंडस्ट्री का हिस्सा बनने का मौका मिलेगा। मजेदार ये है कि शांक्सी प्रांत के शीआन शहर के स्कूलों में क्लास 7 वीं के स्टूडेंट्स को देव रतूड़ी की कहानी पढ़ाई जा रही है
बताया जा रहा है कि देव ने साल 2005 में बीजिंग के एक रेस्ट्रॉन्ट में वेटर का काम किया। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में ये भी बताया कि वहां उन्हें 10 हजार रुपये सैलरी मिलती थी और वेटर का काम करते हुए उन्होंने मंदारिन भाषा सीख ली। मार्शल आर्ट में वो ट्रेन थे ही इसलिए उन्हें खुद पर भरोसा भी था
करीब 7 साल तक देव ने कड़ी मेहनत की और एक जर्मन रेस्ट्रॉन्ट के मैनेजर बने और साल 2010 में एक हॉस्पिटैलिटी चेन के एरिया डायरेक्टर बन गए। साल 2013 में देव ने रेड फोर्ट नाम से खुद का रेस्ट्रॉन्ट खोल लिया। देव को आखिरकार वो मौका मिल ही गया जिसकी उन्हें अरसे से तलाश थी। उन्हें पहला ब्रेक मिल 'स्वात' फिल्म से जिसमें रोल तो छोटा था लेकिन इसके बाद फिर उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा। इस तरह देव को चाइना फिल्म इंडस्ट्री में ब्रेक मिल गया। उनकी दमदार एक्टिंग की वजह से उन्हें कई बड़ी फिल्में और सीरियल में ऑफर मिलने लगा।