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हस्तक्षेप की स्थिति में चीन अपने छोटे परमाणु हथियारों का प्रयोग करके अमेरिका और ताइवान को डरा सकता है।
ताइपे: पिछले हफ्ते निक्केई एशिया की तरफ से कुछ सैटेलाइट फोटोग्राफ्स जारी की गई थीं। इन फोटाकग्राफ्स में नजर आ रहा था कि चीन किस तरह से तेजी से अपनी उस जगह को अपग्रेड करने में लगा है, जहां पर वो परमाणु हथियारों का परीक्षण करता है। पश्चिमी शिनजियांग में स्थित इस लोप पुर टेस्ट साइट वो जगह है जहां पर चीन परमाणु क्षमता वाले हथियारों का परीक्षण करता है। इन फोटोग्राफ्स के सामने आने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस बात का डर सता रहा था कि कहीं चीन ने अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को बदल तो नहीं दिया है। ये तस्वीरे ऐसे समय में सामने आई थीं जब ताइवान के साथ उसका तनाव चरम पर है।
सुरंग का निर्माण
निक्केई एशिया की रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो 450 किलोमीटर की ऊंचाई पर मौजूद सैटेलाइट की मदद से इन तस्वीरों को हासिल किया गया है। इन तस्वीरों में शिनजियांग क्षेत्र मेंलोप पुर परमाणु टेस्ट साइट को साफ देखा जा सकता है। जिस जगह का जिक्र तस्वीरों में किया गया उसका बॉर्डर कजाख्स्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से सटा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हो सकता है चीन अंडरग्राउंड टेस्टिंग के लिए छठी सुरंग का निर्माण कर रहा हो। ये परमाणु टेस्ट साइट एक सूखी हुई झील पर है। इन तस्वीरों में टूटे हुए पत्थरों का ढेर नजर आ रहा है और साथ ही पहाड़ों के करीब कवर किया हुआ एक हिस्सा नजर आ रहा है जो उभरा हुआ है। सैटेलाइट फोटोग्राफ्स में पावर केबल्स, उच्च क्षमता वाले विस्फोटकों के लिए स्टोरेज फैसिलिटी और कमांड सेंटर्स के लिए सड़क भी नजर आ रही है।
कभी भी कर सकता है टेस्ट
अमेरिका के एक विशेषज्ञ के हवाले से रिपोर्ट में लिखा है कि इन सारी बातों के बाद ये साबित हो जाता है कि चीन किसी भी समय परमाणु परीक्षण जैसी घटना को अंजाम दे सकता है। उनका कहना था कि पावर लाइंस और सड़क अब लोप पुर में मौजूद वेस्टर्न मिलिट्री न्यूक्लियर टेस्ट फेसिलिटी से जुड़ी है। इस वजह से ही पूर्वी हिस्से में परमाणु परीक्षण की आशंका को बल मिल रहा है। निक्केई का कहना है कि ये सारी बातें चीन की तरफ से बनी नई सुरंग की तरफ इशारा करती हैं। चीन ने साल 1996 में इसी तरह की सुरंग में परमाणु परीक्षण किया था।
अमेरिका पर होगा प्रयोग!
जापान की हितोत्सुबाशी यूनिवर्सिटी में पूर्वी एशिया के सुरक्षा मामलों के जानकार नाबुमाशा आकियामा का कहना है कि चीन जितनी तेजी से लोप पुर टेस्ट साइट में डेवलपमेंट कर रहा है, उससे बस एक ही तरफ इशारा मिलता है। इससे साफ है कि वो ताइवान में अमेरिकी हस्तक्षेप को रोकने के लिए तैयार है। उनका कहना है कि हस्तक्षेप की स्थिति में चीन अपने छोटे परमाणु हथियारों का प्रयोग करके अमेरिका और ताइवान को डरा सकता है।
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