मनोरंजन

बॉयफ्रेंड को बचाने लूप में फंसीं तापसी पन्नू, जानें कैसी है उनकी ये फिल्म?

Neha Dani
4 Feb 2022 9:48 AM GMT
बॉयफ्रेंड को बचाने लूप में फंसीं तापसी पन्नू, जानें कैसी है उनकी ये फिल्म?
x
तो अगर अगर कुछ बहुत स्पेशल नहीं है आपके पास तो इसे आप देख ही सकते हैं.

फिल्म – लूप लपेटा (Looop Lapeta) कास्ट- तापसी पन्नू, ताहिर राज भसीन और दिब्येन्दु भट्टाचार्या डायरेक्टर – आकाश भाटिया प्लेटफॉर्म – नेटफ्लिक्स

तापसी पन्नू (Tapsee Pannu) बॉलीवुड को एक मंझी हुई अभिनेत्री बन चुकी हैं. पिछले कुछ सालों उन्होंने अपने किरदारों से हर किसी को प्रभावित किया है. उनकी हर फिल्म में उनका किरदार कुछ अलग और खास होता है. तापसी अब वैसी ही फिल्में चुनती हैं जिनमें उनके किरदार को एक मुख्य किरदार की तरह पेश किया जाता है. पिछले कुछ सालों से उनके द्वारा किए गए फिल्मों को देखें तो वो चाहे 'हसीन दिलरुबा' हो या 'रश्मि रॉकेट' इनमें से एक में वो सभी मुख्य किरदारों के बराबर के रोल में थीं वहीं दूसरे में मुख्य भूमिका में थी. दोनों फिल्मों में उनके अभिनय की तारीफें हुईं थीं. एक बार फिर तापसी एक और दमदार किरदार के साथ दर्शकों के बीच आ चुकी हैं. उनकी फ़िल्म 'लूप लपेटा' (Looop Lapeta) आज नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है. उनकी फिल्म में उनके साथ ताहिर राज भसीन(Tahir Raj Bhasin) भी नजर आ रहे हैं.
'लूप लपेटा' का रिव्यू
तापसी पन्नू और ताहिर राज भसीन की ये फिल्म 'लूप लपेटा' फिल्म 'रन लोला रन' की अडॉप्टेशन है. इसमें भारतीय माइथोलॉजी का तड़का लगाया गया है. एक तरह से देखा जाए तो ये पूरी तरह से उसी फिल्म पर आधारित है. उस फिल्म को देखे हुए दर्शकों को बहुत हद तक इस फिल्म में समानता नजर आएगी. फिल्म की कहानी दो अलग-अलग किरदारों की है जिनकी अपनी-अपनी लाइफ में बहुत मुसीबतें हैं. तापसी अपनी जान देना चाहती है कोशिश करती है पर सफल नहीं हो पाती. उसकी जिंदगी में ताहिर राज भसीन की एंट्री होती है. लव के साथ-साथ नई मुसीबतें आनी शुरू हो जाती हैं. ताहिर की वजह से एक बार फिर दोनों मुसीबत फंसते हैं और लव के चक्कर में तापसी भी इसमें उलझ जाती है. अब इस पूरी फिल्म में तापसी कैसे ताहिर को इस क्राइम के दलदल से निकालती है उसी की कहानी है. कहानी इतनी सी जरूर है पर इसमें ट्विस्ट और टर्न बहुत सारे हैं.
अभिनय और निर्देशन
फिल्म में तापसी का काम पहले की तरह ही बेहतरीन है. वो रिपीटेड लगने से इस बार थोड़ा सा बच गई हैं.उन्होंने फिल्म में अपने किरदार को बोल्डली निभाया है. ताहिर एक ऐसे अभिनेता हैं जो अपना रेंज दिखा रहे हैं. 'छिछोरे' में जो काम किया था वो उससे और आगे ही बढ़ते जा रहे हैं. उनकी हर फिल्म और प्रोजेक्ट में उनका काम लोग नोटिस कर रहे हैं. यहां भी कमाल के लगे हैं. डरे सहमे परेशानी निकलने के लिए हाथ पैर मरते लड़के के किरदार को बखूबी निभाया है. दिब्येन्दु भट्टाचार्या ने भी बहुत शानदार काम किया है. इस बार वो कुछ अलग कर रहे हैं. सारे किरदारों को अपनी उंगलियों पर नचा रहे हैं. निर्देशन अच्छा है. आकाश भाटिया की तारीफ की जानी चाहिए उन्होंने फिल्म बाकी कहानी अलग ना होने के बावजूद दर्शकों को बांधने में सफल रहे हैं.
देखें या ना देखें
नेटफ्लिक्स का सब्सक्रिप्शन है और कुछ नया मिल नहीं रहा तो इसे देखने में क्या ही हर्ज है. फिल्म आपको एंटरटेन करेगी. कुछ शानदार की उम्मीद मत रखिएगा. अगर आपने 'रन लोला रन' जिसकी ये हिंदी अडॉप्टेशन है, उसे देखी है तो ये फ़िल्म आपको बिल्कुल सरप्राइज नहीं करेगी. हाँ देसी अंदाज और यहां के किरदार आपको मजेदार लग सकते हैं. तो अगर अगर कुछ बहुत स्पेशल नहीं है आपके पास तो इसे आप देख ही सकते हैं.

Next Story