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सुशांत सिंह राजपूत केस: इस मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट आज सुनवाई, रिया ने दर्ज करवाई एफआईआर

Triveni
13 Oct 2020 8:04 AM GMT
सुशांत सिंह राजपूत केस: इस मामले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट आज सुनवाई, रिया ने दर्ज करवाई एफआईआर
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सुशांत सिंह राजपूत केस में आए ड्रग्स मामले में गिरफ्तार रिया चक्रवर्ती की हाल ही में जमानत हुई है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| सुशांत सिंह राजपूत केस में आए ड्रग्स मामले में गिरफ्तार रिया चक्रवर्ती की हाल ही में जमानत हुई है. बॉम्बे हाईकोर्ट आज दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहनों प्रियंका सिंह और मीतू सिंह की उस याचिका पर सुनवाई करेगी जिसमें इन्होंने मुंबई पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग की है.

दरअसल, मुंबई पुलिस ने जालसाजी और अपने दिवंगत भाई के लिए डॉक्टरों के फर्जी पर्चे (प्रिस्क्रिप्शन) खरीदने का आरोप लगाते हुए दोनों बहनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. बांद्रा पुलिस ने एक्ट्रेस और सुशांत की गर्लफ्रेंड रहीं रिया चक्रवर्ती द्वारा दायर शिकायत के आधार पर 7 सितंबर को दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. रिया अभिनेता की मौत से जुड़े ड्रग्स के मामले में जमानत पर बाहर है.

दोपहर बाद हो सकती है सुनवाई

जस्टिस एस एस शिंदे और जस्टिस एम एस कार्णिक की बेंच ने 6 अक्टूबर को इस मामले से संबंधित याचिका पर विचार किया और फिर इसे आज सुनवाई के लिए लिस्ट किया. बेंच ने कहा था कि इसमें कोई तात्कालिकता नहीं है. अभी तक समय पता नहीं चला है, दोपहर बाद सुनवाई होने की उम्मीद है. बता दें कि रिया ने 7 सितंबर को सुशांत की बहनों और एक डॉक्टर तरुण कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के 12 घंटे के भीतर ही एफआईआर दर्ज कर ली गई.

आत्महत्या के लिए उकसाने और जालसाजी का आरोप

ब्रांदा पुलिस स्टेशन में इंस्पेटर प्रमोद कुंभार ने दोनों बहनों और एक डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. डॉ. तरुण कुमार दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कार्डियोलॉजी के एसोसिएट प्रोफ्रेसर हैं और उन पर सुशांत के लिए दवाइयां उपलब्ध करवाने का आरोप है. इन सभी पर आत्महत्या के लिए उकसाने, धोखेबाजी और अपराधिक षडयंत्र रचने का मामला दर्ज किया गया है.

इन धाराओं के तहत मामला दर्ज

इन सभी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी देने), 464(एक झूठा दस्तावेज बनाने), 465(जालसाजी करना), 466(अदालत के रिकॉर्ड की जालसाजी या पब्लिक रजिस्टर, आदि), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य के लिए जालसाजी), 474(दस्तावेजों का कब्ज़ा), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत एफआईआर दर्ज हुई है.

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