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Sunny Deol की 'Chup' ने मचाया शोर, जानें- क्यों है खास

Rounak Dey
23 Sep 2022 12:06 PM GMT
Sunny Deol की Chup ने मचाया शोर, जानें- क्यों है खास
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हालांकि बाद में इस फिल्म को कल्ट क्लासिक का दर्जा मिला लेकिन तब तक वह इस दुनिया से जा चुके थे।

आर बाल्की के डायरेक्शन में बनी फिल्म चुप (Chup) को दर्शकों का काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। 23 सितंबर को रिलीज हुई इस फिल्म की तारीफ में लोगों ने कई ट्वीट्स किए हैं। वैसे ट्रेलर आने के बाद से फिल्म के चर्चे शुरू हो गए थे। यूट्यूब पर चुप का ट्रेलर अब तक 14 मिलियन से ज्यादा बार देखा गया है। चर्चा है कि पेंडेमिक के बाद सिनेमाघरों में शायद पहली बार इतनी भीड़ है। टिकट सस्ता होना भी इसकी एक वजह मानी जा रही है। बता दें कि सिनेमा डे का डिस्काउंट आज मिल रहा है। लोग 75 रुपये में कोई भी फिल्म देख सकते हैं। बात करें चुप की तो आर बाल्की ने इसके प्रमोशन के लिए जो ट्रिक अपनाई थी वो भी काम कर गई है। फिल्म देखकर आ रहे लोग इसे गुरु दत्त को श्रद्धांजलि तो कुछ बॉलीवुड का कमबैक मान रहे हैं।


प्रमोशनल स्ट्रैटजी ने किया काम

दुलकर सलमान और सनी देओल की फिल्म चुप सोशल मीडिया पर काफी हल्ला मचा चुकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडवांस बुकिंग में फिल्म के 1.5 लाख से ज्यादा टिकट बिक बिक गए थे। मूवी देखने के बाद दर्शकों ने इसकी तारीफ में ट्वीट्स किए हैं। फिल्म में लोग दुलकर सलमान की तारीफ कर रहे हैं। साथ ही अलग तरह के कॉन्टेंट की तारीफ भी हो रही है। फिल्म की रिलीज के पहले आर बाल्की ने इसके लिए जो प्रमोशनल स्ट्रैटजी रखी थी, उसने भी मूवी के पक्ष में काम किया। ये भी पढ़ें: #CHUPPublicfreeview: कैसी है सनी देओेल और दुलकर सलमान की साइको थ्रिलर फिल्म? जानें Public Review

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आर बाल्की ने देश के 10 शहरों में पब्लिक के लिए इसकी फ्री स्क्रीनिंग रखी थी। फिल्म देखने के बाद इसकी तगड़ी माउथ पब्लिसिटी हुई। देखकर आने वाले लोगों ने सोशल मीडिया पर फिल्म के बारे में लिखा और लोगों को बताया। फिल्म में गुरुदत्त की फिल्म कागज के फूल का जिक्र है। अब कई लोग कागज के फूल देखने का मन भी बना रहे हैं।

यह है फिल्म की कहानी

फिल्म चुप कहानी एक सीरियल किलर की है जो कि फिल्म समीक्षकों से नाराज है। वह उनकी हत्या करता है और माथे पर चाकू से रेटिंग भी देता है। एक तरह से वह क्रिटिक्स का क्रिटिक है। दरअसल यह सीरियल किलर इस बात से खफा है कि क्रिटिक्स किसी डायरेक्टर की मेहनत से बनी फिल्म को कितनी आसानी से बर्बाद कर देते हैं। उसे लगता है कि कागज के फूल गुरु दत्त ने बहुत दिल से बनाई थी। यह फिल्म फ्लॉप हो गई। गुरु दत्त इस असफलता को बर्दाश्त नहीं कर पाए और डिप्रेशन में चले गए। कागज के फूल उनका आखिरी ऑफिशियल डायरेक्शन बनकर रह गई। हालांकि बाद में इस फिल्म को कल्ट क्लासिक का दर्जा मिला लेकिन तब तक वह इस दुनिया से जा चुके थे।

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