तालीम किस माहौल में ली गई है, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है, अगर खुद में विश्वास है तो जिंदगी की लड़ाई जीती जा सकती है। देहरादून की रहने वाली सुहानी शर्मा (Eisha Singh) बहुत सख्त माहौल में पली-बढ़ी हैं। वह कभी दायरे से बाहर नहीं निकली और उसने अपनी नजरों से दुनिया को बहुत ही कम जाना है। बचपन से ही उसके पिता राकेश शर्मा की सख्ती का नतीजा है कि उसे सुरक्षा का अहसास तो हुआ लेकिन डर की कीमत पर। वह अपने घर वालों से खासकर अपने पिता से बहुत ही ज्यादा डरती है। लाखों लड़कियों की तरह सुहानी का भी एक सपना है, पढ़-लिखकर डॉक्टर बनना। उसका मानना है कि "हारना तब आवश्यक हो जाता है जब लड़ाई अपने से हो, लेकिन जीतना तब आवश्यक हो जाता है, अगर लड़ाई खुद से है।" उसके पिता उसे मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की इजाजत तो देते हैं, लेकिन एक शर्त पर कि वह अपनी लिमिट क्रॉस नहीं करेगी और केवल पढ़ाई पर ध्यान देगी। अगर ऐसा नहीं किया तो उसकी शादी करा देंगे।