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तब वेब सीरीज का आइडिया भी ड्रॉप कर दिया गया.
भारत में जन्मे सलमान रुश्दी ने भले ही दुनिया भर में अपनी किताबों से नाम कमाया और उनके उपन्यास मिडनाइट्स चिल्ड्रन को बुकर ने बार-बार सर्वश्रेष्ठ किताब माना, लेकिन इसी किताब पर जब फिल्म बनी तो भारत में नहीं चली. खास बात यह है कि मिडनाइट्स चिल्ड्रन का कथानक भारत की आजादी, 15 अगस्त 1947 और लोकतांत्रिक व्यवस्था के इर्द-गिर्द घूमता है. फिल्म के बाद रुश्दी की इस किताब पर 2018 में ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स में वेब सीरीज बनाने की घोषणा की थी, जिसके लिए निर्देशक विशाल भारद्वाज से बात की गई थी. लेकिन यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ सका और 2019 में इसे बंद कर दिया गया.
मिडनाइट्स चिल्ड्रन की कहानी
मिडनाइट्स चिल्ड्रन सलीम सिनाई नाम के बच्चे की कहानी है, जो 15 अगस्त 1947 की ठीक आधी रात को बारह बजे पैदा हुआ था. कहानी सलीम के नजरिये से फिर देश के विभाजन से लेकर 1975 में इमरजेंसी तक देश में होने वाली की राजनीतिक-सांस्कृतिक घटनाओं को देखती है. मिडनाइट्स चिल्ड्रन 1981 में प्रकाशित हुआ था और इसे उस साल प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार मिला था. इसके बाद बुकर ने दो बार फिर अपने 25वें और 40वें वर्ष में इसे सबसे शानदार पुरस्कृत किताब माना था. इस किताब पर दीपा मेहता ने 2012 में फिल्म बनाई और इसे दुनिया के कई फिल्म समारोहों में दिखाया और सराहा गया. भारत में यह फिल्म 2013 में रिलीज हुई लेकिन दर्शक इसे देखने नहीं गए.
नाम छुपा कर किया शूट
दीपा मेहता की फिल्म मिडनाइट्स चिल्ड्रन में सत्य भाभा, श्रिया शरण, अनुपम खेर, शबाना आजमी, रोनित रॉय, राहुल बोस और सीमा बिस्वास जैसे कलाकार थे. बताया जाता है कि दीपा ने लीड रोल सलीम के लिए रणबीर कपूर और शाहिद कपूर से बात की थी। मगर उन्होंने प्रस्ताव ठुकरा दिया था। इस फिल्म की शूटिंग श्रीलंका में की गई थी. वहां पर रुश्दी पर जारी फतवे की वजह से इस्लामी कट्टरपंथियों का खतरा था. तब दीपा मेहता ने वहां फिल्म का नाम बदल कर शूटिंग की थी. उन्होंने फिल्म का नाम विंड्स ऑफ चेंज बताया था, जिसके इस्लामी कट्टरपंथियों को पता न चले कि वह रुश्दी के उपन्यास पर फिल्म बना रही हैं. हालांकि श्रीलंका में ईरानी दूतावास को बाद में खबर लग गई थी और उसके विरोध पर चार दिनों के लिए शूटिंग रोकनी पड़ी थी. तब दीपा मेहता ने श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे से मिलकर कर शूटिंग फिर शुरू कराई थी.
शशि कपूर चाहते थे फिल्म बनाना
रुश्दी के विवादित होने के कारण किसी भारतीय फिल्ममेकर ने उनके उपन्यासों पर फिल्म बनाने की कोशिश नहीं की. मगर शशि कपूर 1983 में मिडनाइट्स चिल्ड्रन पढ़ने के बाद इस पर फिल्म बनाना चाहते थे. लेकिन उसी बरस रेखा-शेखर सुमन स्टारर उत्सव जैसी फिल्म प्रोड्यूस करने पर उन्हें करीब डेढ़ करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. जो उस वक्त बहुत बड़ी रकम थी. तब उन्होंने मिडनाइट्स चिल्ड्रन पर फिल्म बनाने का इरादा छोड़ दिया था. इसी तरह 2018 में विशाल भारद्वाज की फिल्म पटाखा फ्लॉप होने के बाद मिडनाइट्स चिल्ड्रन्स पर नेटफ्लिक्स उनकी कुछ शर्तों पर राजी नहीं हुआ. तब वेब सीरीज का आइडिया भी ड्रॉप कर दिया गया.
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