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दक्षिण एशियाई: खेलों के 312 पदक को विजेता प्राप्त होने के बाद भी नहीं मिला कैश अवार्ड

Neha Dani
10 Oct 2020 9:45 AM GMT
दक्षिण एशियाई: खेलों के 312 पदक को विजेता प्राप्त होने के बाद भी नहीं मिला  कैश अवार्ड
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बजट की समस्या से जूझ रहे खेल मंत्रालय ने पदक विजेताओं और उनके प्रशिक्षकों की पुरस्कार राशि लंबे समय से रोक रखी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| बजट की समस्या से जूझ रहे खेल मंत्रालय ने पदक विजेताओं और उनके प्रशिक्षकों की पुरस्कार राशि लंबे समय से रोक रखी है। बीते वर्ष नेपाल में आयोजित दक्षिण एशियाई खेलों में पदक जीतने वाले 312 पदक विजेताओं को उनका कैश अवार्ड खेल मंत्री किरेन रिजीजू की घोषणा के बावजूद नहीं दिया गया है। इन 312 पदकों के लिए खेल मंत्रालय को तीन करोड़ 76 लाख 50 हजार रुपये की पुरस्कार राशि विजेताओं को देनी है। हाल यह है कि ज्यादातर राष्ट्रीय खेल संघों ने खेल मंत्रालय से गुहार लगाकर खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि देने को कहा है।

खेल मंत्री ने बीते वर्ष की थी राशि देने की घोषणा

बीते वर्ष दिसंबर माह में नेपाल से लौटने के बाद खेल मंत्री किरन रिजीजू ने दिल्ली में दक्षिण एशियाई खेलों के पदक विजेताओं का सम्मान समारोह किया था। इसी दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि स्वर्ण पदक विजेतओं को डेढ़ लाख रजत के लिए एक लाख और कांस्य पदक विजेताओं को 50 हजार रुपये की पुरस्कार राशि खेल मंत्रालय की ओर से दी जाएगी। मंत्रालय की अवार्ड स्कीम में दक्षिण एशियाई खेलों के लिए जगह नहीं थी, लेकिन नेपाल से पहले गुवहाटी में आयोजित इन खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को मंत्रालय ने तीन (स्वर्ण), दो (रजत) और एक लाख (कांस्य) की राशि दी थी।

कई खेल संघ लिख चुके हैं मंत्रालय को

खेल संघों और खिलाड़ियों को उम्मीद थी कि उन्हें मंत्रालय की ओर से पुरस्कार राशि मिल जाएगी, लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी मंत्रालय ने पुरस्कार राशि नहीं दी तो खेल संघों ने इस बारे में उसे लिखना शुरू कर दिया। हालांकि अब तक कई खेल संघों को मंत्रालय का कोई जवाब नहीं मिला है। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि लॉकडाउन में पैसे की कमी से जूझ रहे कुछ खिलाडिय़ों के पिता ने तो मंत्रालय में जाकर पुरस्कार राशि देनी की मांग उठाई। वहीं मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि वह इस मामले का पता लगाएंगे कि देरी क्यों हो रही है, लेकिन कैश अवार्ड के कई मामले इस वजह से रुके हैं कि ऑन लाइन पैसा भेजने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


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