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रोटी-कपड़ा-मकान इंसानी की बुनियादी जरूरत मानी जाती हैं, लेकिन इन दिनों कोरोना (COVID-19) की सेकंड वेव ने कुछ ऐसे हालात पैदा किए हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| रोटी-कपड़ा-मकान इंसानी की बुनियादी जरूरत मानी जाती हैं, लेकिन इन दिनों कोरोना (COVID-19) की सेकंड वेव ने कुछ ऐसे हालात पैदा किए हैं कि अस्पताल का एक बिस्तर और ऑक्सीजन लोगों की सबसे पहली जरूरत बन गई है. आलम ये है कि बड़े-बड़े रसूखदार भी जरूरतमंद मरीजों को बिस्तर न दिला पाने का दर्द बयां करते दिख रहे हैं. लेकिन ऐसे में भी घंटों-घंटों की मेहनत के बाद एक्टर को समाजसेवी सोनू सूद (Sonu Sood) लोगों को 'जिंदगी का बिस्तर' देने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं. सोनू ने आधी रात में कई पेशंट्स को मदद कर बेड दिलावाए और सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी भी दी.
हैदराबाद से लेकर मथुरा तक और देहरादून से लेकर लखनऊ तक, सोनू अपनी एनजीओ के माध्यम से देशभर में मरीजों को ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड दिलाने की कोशिश कर रहे हैं. हैदराबाद में एक 48 साल की महिला को वेंटिलेटर और आईसीयू बेड की जरूरत थी. सोनू ने ट्वीट कर कहा, 'नियो केयर अस्पताल में बेड अरेंज हो गया है. कभी कभी आधी रात को जागे रहना भी अच्छा होता है. आप जल्द स्वस्थ्य हों.'
वहीं देहरादून में 37 साल की सबा हुसैन को भी सोनू की मदद से ऑक्सीजन बेड मिल पाया है. मथुरा में 2 बच्चों के पिता को बेड की जरूरत थी. एक व्यक्ति ने लिखा, 'कुपया मथुरा में कोई हो तो आगे आए बच्चों को बचा ले अनाथ होने से.' सोनू ने इस आदमी की कदद करते हुए लिखा, 'मथुरा में अस्पताल बेड का इंतजाम हो गया है. कोई अनाथ नहीं होगा. जल्दी मिलते हैं आपके ठीक होते ही.'
रविवार को डांस रिएलिटी शो में नजर आए सोनू सूद ने अपनी मदद के बारे में कहा, 'मैं यहां एक्टर बनने आया था, हमें बड़ी खुशी होती है कि हमारी फिल्में 100 करोड़ कमा रही हैं या ऐसा कुछ लेकिन जब से मैंने लोगों की मदद का ये काम किया है यकीन मानिए ये वो सारी खुशी बेमानी और झूठी लगती है. मैं ऐसे सभी युवाओं से कहूंगा कि असली खुशी किसी की मदद कर के मिलती है.
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