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ड्रग्स केस में फंसा बेटा, पढ़े जब मां Gauri Khan ने बदला था अपना नाम

jantaserishta.com
8 Oct 2021 2:40 AM GMT
ड्रग्स केस में फंसा बेटा, पढ़े जब मां Gauri Khan ने बदला था अपना नाम
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बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान और गौरी खान की लव लाइफ किसी से छिपी नहीं है. 8 अक्टूबर को गौरी खान अपना जन्मदिन सेलिब्रेट कर रही हैं. इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं गौरी खान के बारे में कुछ अनसुने सच. गौरी खान का असली नाम गौरी छिब्बर है. गौरी का जन्म पंजाबी ब्राह्मण परिवार में दिल्ली के पास होशियारपुर में हुआ. बचपन दिल्ली के पंचशील पार्क में बीता और शुरुआती पढ़ाई लोरेटो कन्वेंट स्कूल से हुई. बाद में उन्होंने मॉडर्न स्कूल में दाखिला ले लिया.

लेडी श्रीराम कॉलेज से गौरी ने बीए की डिग्री हासिल की है. कॉलेज के दिनों ही में उनकी पहली मुलाकात शाहरुख खान से हुई. दोनों दिल्ली के पंचशील क्लब में मिले. हालांकि, जब पहली बार शाहरुख ने गौरी को क्लब में देखा तो वह उनसे बात तक करने की हिम्मत नहीं कर पाए थे. बस देखते ही रह गए. फिर तो ऐसा हो गया था कि गौरी जिस भी क्लब में जातीं, शाहरुख भी वहीं पहुंचने की कोशिश करते. शाहरुख ने गौरी से तीसरी मुलाकात में बातचीत की और उनसे उनके घर का फोन नंबर ले लिया, लेकिन फोन पर गौरी से बातचीत करना इतना आसान नहीं था. गौरी के पिता के साथ उनके चाचा भी अपने परिवार के साथ उसी घर में रहते थे. तब शाहरुख अपनी किसी महिला दोस्त से गौरी के घर पर फोन करवाते और गौरी से बात करने की इच्छा जाहिर करते.
हर बार गौरी के सामने अपना परिचय न देना पड़े, इसलिए शाहरुख जिस भी दोस्त से फोन करवाते उसे अपना नाम 'शाहीन' बताने के लिए कहते. यह एक ऐसा कोड वर्ड था, जिससे गौरी हमेशा पहचान लेती थीं और वह दौड़ कर फोन पर आती थीं. गौरी अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी में फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने लगीं. साथ ही वह शाहरुख के साथ रिश्ते को लेकर भी थोड़ी परेशान रहने लगीं. वह शाहरुख से प्यार तो करती थीं, लेकिन वह अपने परिवारवालों को अलग धर्म के प्रेमी के लिए कैसे मनातीं? इसी बीच शाहरुख भी अपने अभिनय करियर की ओर बढ़ चले थे. उन दिनों वह अपने धारावाहिकों 'दिल दरिया', 'फौजी' और 'दूसरा केवल' में काम करने लगे. एक इंटरव्यू में शाहरुख ने कहा कि जब गौरी अपने बाल खुले छोड़तीं तो बहुत खूबसूरत लगती थीं.
वह नहीं चाहते थे कि दूसरे लड़के भी उन्हें देखें. उनके अंदर गौरी को लेकर असुरक्षा की भावना पैदा हो चुकी थी. किसी के साथ गौरी को बैठे देखना भी शाहरुख को पसंद नहीं था. इन सभी चीजों से गौरी को घुटन होने लगी थी, लेकिन शाहरुख, गौरी से बहुत प्यार करते थे. अपने 19वें जन्मदिन पर गौरी ने दिल्ली छोड़ दी थी. गौरी जब दिल्ली छोड़ कर चली गईं तो शाहरुख बहुत परेशान रहने लगे. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर गौरी है कहां?
एक दिन शाहरुख ने लड़की की आवाज में गौरी के घर फोन लगा लिया और उनसे गौरी का पता पूछा. घर से उन्हें यह तो पता चल गया कि गौरी मुंबई में हैं, लेकिन कहां हैं यह पता नहीं चल पाया. मुंबई शाहरुख की पहुंच से बहुत दूर था. जब वह लगातार परेशान रहने लगे तो उनकी मां से रहा न गया. एक दिन उन्होंने शाहरुख को 10 हजार रुपये दिए और कहा कि जाओ और गौरी को ढूंढो. वह अपने घर से अपने एक दोस्त को साथ लेकर गौरी की खोज में दिल्ली से मुंबई की ओर निकल पड़े. गौरी को खोजने के लिए शाहरुख अपने दोस्त बेनी को लेकर मुंबई आ गए. दो दिन उन्होंने अपने एक दोस्त के यहां गुजारे और फिर उसके बाद कई दिनों तक वह सड़कों पर खाना खाकर और फुटपाथ पर बेंच पर सोकर दिन गुजारने लगे. काफी दिन गुजर जाने के बाद भी उन्हें गौरी का पता न चला.
उन्हें गौरी की सिर्फ एक आदत पता थी कि उन्हें समुद्र के किनारे समय बिताना बहुत पसंद है. शाहरुख बिना हार माने गौरी को खोजते रहे. एक दिन जब वह गोराई बीच से वापस लौट रहे थे तो उनकी नजर गौरी पर पड़ी. गौरी ने जब शाहरुख को देखा तो वह दौड़ कर उनके पास आईं और गले लगा कर खूब रोईं. मुंबई से वापस दिल्ली लौटने के बाद शाहरुख अपने टीवी धारावाहिकों में काफी व्यस्त हो गए थे.
सीरियल 'फौजी' में अभिमन्यु का निभाया उनका किरदार काफी लोकप्रिय हुआ और दिल्ली में उन्हें लोग चेहरे से पहचानने लगे. एक दिन जब गौरी के पिता रमेश चंद्र को पता चला कि गौरी एक मुस्लिम लड़के के साथ क्लब में है तो वह फौरन क्लब के निकल पड़े, लेकिन गौरी की बहन प्रियंका ने वक्त रहते गौरी को इसकी खबर दे दी और वहां से गौरी और शाहरुख दोनों खिसक गए.
गौरी के परिवार में इस बात का पता चल चुका था कि गौरी किसी मुस्लिम लड़के को पसंद करती हैं. यह बात उन्हें नागवार गुजरी. उस वक्त शाहरुख को सीरियल 'सर्कस' में काम करने का मौका मिला. इसके लिए उन्हें मुंबई जाना था. बता दें कि गौरी, शाहरुख के अभिनय करियर के बिल्कुल खिलाफ थीं. वह चाहती थीं कि शाहरुख कोई नौकरी करें, एक्टिंग नहीं. शाहरुख अपने सपने को पूरा करना चाहते थे, इसलिए वह मुंबई चले गए. बीच-बीच में हालांकि, शाहरुख गौरी से मिलने दिल्ली जाते रहते थे.
इसी बीच शाहरुख ने गौरी के चाचा तेजिंदर से बात की. उन्होंने ही शाहरुख को गौरी के माता-पिता से मिलने का रास्ता बताया. गौरी के चाचा तेजिंदर ने शाहरुख को बताया कि कुछ दिन बाद उनके घर पर एक छोटी सी पार्टी है, जिसमें वह हंसी-खुशी गौरी के माता-पिता से मिल सकते हैं. शाहरुख उस पार्टी में पहुंचे. उस पार्टी में शाहरुख से गौरी के पिता ने उनका असली नाम पूछा.
जब शाहरुख ने उन्हें अपना असली नाम बताया तो वह तुरंत समझ गए और शाहरुख को तुरंत जाने के लिए कहा. शाहरुख ने भी कोई आनाकानी नहीं की और वह उनकी बात रखकर वहां से चले गए. गौरी और शाहरुख के रिश्ते से गौरी की मां बहुत तनाव में थीं. 26 अगस्त 1991 को शाहरुख और गौरी ने कोर्ट मैरिज की. इसके बाद इन दोनों का निकाह भी पढ़वाया गया, जिसमें गौरी का नाम आयशा रखा गया. 25 अक्टूबर 1991 को हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से शाहरुख और गौरी की शादी हुई. इसमें शाहरुख का नाम राजेंद्र कुमार तुली रखा गया. इन दोनों के अब तीन बच्चे हैं- आर्यन खान, सुहाना खान और अबराम.


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