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बप्पी लाहिड़ी को याद कर भावुक हुए बेटे बप्पा
बप्पी लाहिड़ी (Bappi Lahiri) ने 15 फरवरी 2022 को आखिरी सांस ली. सिंगर के निधन से उनके फैंस काफी दुखी हैं. बप्पी लाहिड़ी का म्यूजिक लोगों ने काफी पसंद किया है ऐसे में इंडस्ट्री के एक बेहद टेलेंटेड सिंगर और म्यूजिक डायरेक्टर को खोना बॉलीवुड की बड़ी क्षति है. हाल ही में उनके बेटे बप्पा लाहिड़ी ने अपने पिता से जुड़ी कई बातें TOI को दिए एक इंटरव्यू में साझा की. जिसमें उन्होंने एक बेहद खास बात कही जो दिल को छूने वाली थी उनका कहना था कि उनके पिता की आवाज अब भी उनके घर में गूंजती है.
आवाज के खनक अब भी घर में है
बप्पी लाहिड़ी के निधन से एक साल पहले यानी 2021 में ईटाइम्स ने उनका इंटरव्यू लिया था जो किन्हीं कारणों से प्रकाशित नहीं जो सका था लेकिन हाल ही में 16 फरवरी को वो बातचीत प्रकाशित हुई. अब उनके बेटे बप्पा से जब ईटाइम्स ने बात की तो उनसे पूछा कि उनके पिता के गायकी कैरियर को वो कैसे देखते हैं तो उन्होंने कहा कि बहुत कम उम्र में उनके पिता कोलकाता से अपनी पहचान बनाने आए थे.
हालांकि अपनी पैनी आवाज के चलते कई प्रोड्यूसर्स ने उन्हें नकार दिया था, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने दम पर बॉलीवुड में अपना सिक्का जमाया. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उनके पिता वो सिंगर हैं जिन्होंने कई फ्लॉप एक्टर्स को अपनी आवाज देकर उन्हें हिट बनाया है. लोग उनके पिता के गानों पर नाचते थे और आनंद लेते थे लेकिन वे नहीं जानते कि यह कौन सी फिल्म है- ऐसी उनकी छाप रही थी. उनकी आवाज में खास गूंज थी जो अब भी हमारे घर में गूंज रही है.
पिता के सोना पहनने पर चिढ़ाते थे लोग
जहां आज बप्पी दा का सोना पहनना उन्हें सबसे अलग और खास बनाता था वहीं एक समय ऐसा था जब उनके बेटे बप्पा को उनके पिता का स्टाइल स्टेटमेंट भारी पड़ जाता था. बप्पा ने बताया कि उनके कॉलेज में उनके सीनियर रैगिंग करते हुए कहते थे कि तुम्हारे पिता इतने ब्राइट कपड़े पहनते हैं और सुबह 6 बजे भी सन शेड्स पहनते हैं.' मैं उनसे (बप्पी लहरी) से पूछता था कि उन्हें सुबह 6 बजे सन शेड्स क्यों चाहिए? लेकिन उन्होंने अपनी पर्सनैलिटी ऐसी बना ली थी जो ये सब उन पर सूट करता था.
लता मंगेशकर के निधन से दुखी थे
साथ ही बप्पा ने बताया कि जब उनके पिता को लता जी निधन की खबर मिली तो काफी दुखी हुए थे. वो उन्हें मां कह कर बुलाते थे. हॉस्पिटल में होने के कारण वो उनकी अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो पाने से दुखी थे.
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