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हालांकि यह भी तथ्य है कि किसी भी आरोपी महिला ने पुलिस की इस कहानी को सपोर्ट नहीं किया।
अपराध की दुनिया में कई ऐसे किस्से हैं जिनका सच शायद ही कभी सामने आए। इनमें से एक है भरत कालीचरण यादव उर्फ अक्कू यादव का किस्सा। अक्कू यादव का नाम नागपुर, महाराष्ट्र के कस्तूरबा नगर स्लम में किसी बुरे सपने की तरह है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि वो सिर्फ गैंगस्टर या सीरियल किलर या वसूली करने वाला ही नहीं था। वो एक सीरियल रेपिस्ट भी था। ऐसा आरोप है कि उसने 40 से ज्यादा महिलाओं का रेप किया और कहा जाता है कि उसने इतने रेप किए थे कि कस्तूरबा नगर स्लम के हर दूसरे घर में उसकी एक विक्टिम थी।
अक्कू यादव की विक्टिम्स में सबसे छोटी एक 10 साल की बच्ची थी और उसने 16 साल की बच्ची की दादी के साथ भी कुकर्म किया। अक्कू का सबसे पहला क्राइम जिसकी रिपोर्ट दर्ज है वो 1991 का एक गैंग रेप था। अपनी मौत से पहले अगले 13 साल तक अक्कू ने जो अपराध किए उनके विवरण ऐसे हैं कि सुनने वाले को कई दिनों तक नींद न आए।
अब इसी अक्कू यादव पर एक सीरीज बनी है जो ओटीटी प्लेटफाॅर्म पर रिलीज हो रही है। नेटफ्लिक्स ने अपनी सीरीज 'Indian Predator: Season 3' में अक्कू यादव की नृशंस हत्या की इसी कहानी को लेकर आई है। Murder in a Courtroom के नाम से इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज का ट्रेलर रिलीज हो गया है।
एक मिनट और 48 सेकेंड के ट्रेलर में हमें भीड़ भरे कोर्ट रूम के बीच हुई इस हत्या का नाट्य रूपांतरन का अंश देखने को मिलता है। एक सच्ची घटना, जिसने 2004 में देश को हिलाकर रख दिया था। महिलाओं के एक समूह ने एक स्थानीय गुंडे अक्कू यादव की हत्या कर दी। ये महिलाएं नागपुर के एक ऐसी झुग्गी बस्ती से आती थीं जो उपेक्षित था। भरत कालीचरण एक गैंगस्टर, एक लुटेरा, एक चोर, एक अपहरणकर्ता, एक सीरियल रेपिस्ट, एक जबरन वसूली करने वाला और सीरियल किलर था।
यह घटना 13 अगस्त 2004 की है। सैकड़ों महिलाओं ने न सिर्फ अक्कू यादव की कोर्टरूम में घुसकर हत्या की, बल्कि इसकी जिम्मेदारी भी ली। उनमें से कुछ महिलाओं को हिरासत ने हिरासत में भी लिया लेकिन अंत में उन्हें दोषी नहीं पाया गया। पुलिस से लेकर सीआईडी तक ने इस मामले की जांच की लेकिन यह अब तक अबूझ पहेली ही है आखिर यहां हत्यारा है कौन, वो अक्कू जिस पर सीरियल किलिंग, सीरियल रेपिस्ट, मारपीट, वसूली के आरोप थे या वो सैकड़ों महिलाएं, जिनमें कोई सब्जी वाली थी तो कोई साफ-सफाई करने वाली। यह दिलचस्प है कि जो सबकी आंखों से सामने हुआ उसका सच कहीं आज भी छिपा हुआ है।
तथ्य बताते हैं कुछ और ही कहानी
तथ्य यही है कि लिंचिंग में सैकड़ों महिलाएं शामिल थीं लेकिन राज्य की सीआईडी ने जांच के बाद जो कहा वह एक अलग कहानी कहती है। वरिष्ठ पुलिस सूत्रों के मुताबिक चार पुरुषों ने इस लिंचिंग को अंजाम दिया और जिन महिलाओं ने जिम्मेदारी ली वे सिर्फ उन चार लोगों की रक्षा कर रही थीं। हालांकि यह भी तथ्य है कि किसी भी आरोपी महिला ने पुलिस की इस कहानी को सपोर्ट नहीं किया।
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